जेएनयू में पिछले 5 साल से गार्ड रहे रामजल ने पास किया एंट्रेंस एग्जाम, अब रशियन भाषा में करेंगे पढ़ाई

Written by Sabrangindia Staff | Published on: July 16, 2019
जेएनयू के एक सेक्युरिटी गार्ड ने मिसाल कायम की है। दरअसल जिस जेएनयू में वह पिछले पांच साल से गार्ड के रूप में काम कर रहा था अब वहीं रशियन भाषा में पढ़ाई करेगा। 34 वर्षीय रामजल मीणा ने जेएनयू का एंट्रेंस एग्जाम पास किया है और अब जल्द ही वह रशियन भाषा में ऑनर्स की पढ़ाई के लिए दाखिला लेंगे। 




रामजल मीणा ने साल 2014 में बतौर सिक्योरिटी गार्ड जेएनयू ज्वाइन किया था। वह बताते हैं कि अपने गांव भजेरा में सरकारी स्कूल में दाखिला लिया था लेकिन अपने मजदूर पिता कि मदद करने के लिए उन्हें अपनी पढ़ाई रोकनी पड़ी। हालांकि, उनकी पढ़ने की इच्छा कभी खत्म नहीं हुई। पिछले साल ही उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस लर्निंग से हिंदी, पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है।

 रामजल बताते हैं कि जेएनयू बाकी यूनिवर्सिटी से अलग इसलिए है क्योंकि यहां के लोग  भेदभाव नहीं करते। सभी टीचर और स्टूडेंट ने मुझे प्रोत्साहित किया और अब वे मुझे बधाई देते हैं। मुझे लगता है कि मैं रातों रात फेमस हो गया हूं। वहीं यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेशन ने भी इस बात का आश्वासन दिया है कि वह मीणा की हर संभव मदद करेंगे। मीणा की तीन बेटियां हैं और वह मुनिरका में एक कमरे के घर में रहते हैं।

रामजल कहते हैं कि जेएनयू का शैक्षणिक माहौल देखकर उन्होंने फिर से पढ़ने का प्लान बनाया। वह अपनी ड्यूटी के बाद एंट्रेस की तैयारी करते थे। मोबाइल ऐप पर अखबार पढ़ते थे और जेएनयू के छात्रों ने उन्हें नोट्स भी मुहैया कराए। रशियन पढ़ने का फैसला इसलिए किया क्योंकि अलग-अलग जगहों को देखना चाहता हूं। 

रामजल कहते हैं कि मैंने सुना था कि जो विदेशी भाषाओं का अध्ययन करते हैं उन्हें विदेश घूमने का मौका मिलता है। इसके अलावा, मैं सिविल सेवाओं में भी अपनी किस्मत आजमाना चाहता हूं।


अब रामजल को जेएनयू में एडमिशन तो मिल जाएगा लेकिन उनके सामने एक और दिक्कत सामने खड़ी है। दरअसल जेएनयू प्रशासन के नियमों के मुताबिक पढ़ाई के साथ नौकरी नहीं की जा सकती। अगर वो नौकरी छोड़ पढ़ाई करेंगे तो घर कौन चलाएगा। इसलिए रामजल ने यूनिवर्सिटी से अपील की है कि उन्हें नाईट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दी जाए। मीणा को 15 हजार रूपये की सैलरी मिलती है। 

जेएनयू के मुख्य सुरक्षा अधिकारी नवीन यादव कहते हैं कि हमें मीणा पर गर्व है लेकिन रेग्युलर कॉलेज के साथ नाईट शिफ्ट करना संभव नहीं है। हालांकि, हम उनकी हर संभव मदद करेंगे।

मीणा कहते हैं कि लोगों ने जेएनयू के बारे में गलत धारणा बना रखी है। फरवरी 2016 की घटना के बाद जेएनयू के बारे में कई अफवाहें सामने आई थीं। लेकिन मीणा का कहना है कि यहां के छात्र केवल विरोध नहीं करते हैं। इस विश्वविद्यालय ने देश को बहुत सारे विद्वान भी दिए हैं। मैं भी यहां पढ़कर कुछ बनना चाहता हूं।

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