आर्थिक संकट से गुजर रही एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज के लिए बुरी खबर है। दरअसल जेट एयरवेज के सीनियर टेक्निशियन ने चार मंजिला इमारत की छत से कूदकर जान दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह कैंसर की बीमारी और आर्थिक तंगी के चलते बेहद तनाव में थे। 45 साल के शैलेश सिंह ने पालघर के नालासोपारा ईस्ट इलाके में स्थित 4 मंजिला इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली। हाल ही में विमानों का संचालन अस्थायी रूप से ठप करने वाली जेट एयरवेज एयरलाइन के स्टाफ और एंप्लॉयी असोसिएशन के मुताबिक वह आर्थिक संकट से गुजर रहे थे।
बता दें कि जेट एयरवेज के करीब 20,000 कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं मिली है। यही नहीं ऑपरेशंस के लिए भी पूंजी का अभाव होने के चलते कंपनी ने विमानों को भी जमीन पर उतार लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'वह कैंसर से जूझ रहे थे और इन दिनों उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि उन्होंने बीमारी से डिप्रेशन के चलते अपनी जान दे दी।'
कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवारों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी पीड़ा को जाहिर करने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला है। बता दें कि पिछले दिनों एंप्लॉयीज ने पीएम मोदी से भी दखल देने की मांग करते हुए 20,000 लोगों की नौकरियां बचाने की अपील की थी।
जेट एयरवेज के कर्मचारियों के मुताबिक कंपनी का कामकाज बंद होने के बाद यह पहला मामला है, जब किसी कर्मचारी ने अपनी जान दे दी। परिवार में आर्थिक संकट की वजह यह भी थी कि पिता और पुत्र दोनों ही जेट एयरवेज में कार्यरत थे। शैलेश सिंह का बेटा कंपनी के ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में काम करता था। शैलेश सिंह अपने पीछे पत्नी, दो बेटों और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
बता दें कि जेट एयरवेज के करीब 20,000 कर्मचारियों को कई महीनों से सैलरी नहीं मिली है। यही नहीं ऑपरेशंस के लिए भी पूंजी का अभाव होने के चलते कंपनी ने विमानों को भी जमीन पर उतार लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, 'वह कैंसर से जूझ रहे थे और इन दिनों उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि उन्होंने बीमारी से डिप्रेशन के चलते अपनी जान दे दी।'
कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवारों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी पीड़ा को जाहिर करने के लिए कैंडल मार्च भी निकाला है। बता दें कि पिछले दिनों एंप्लॉयीज ने पीएम मोदी से भी दखल देने की मांग करते हुए 20,000 लोगों की नौकरियां बचाने की अपील की थी।
जेट एयरवेज के कर्मचारियों के मुताबिक कंपनी का कामकाज बंद होने के बाद यह पहला मामला है, जब किसी कर्मचारी ने अपनी जान दे दी। परिवार में आर्थिक संकट की वजह यह भी थी कि पिता और पुत्र दोनों ही जेट एयरवेज में कार्यरत थे। शैलेश सिंह का बेटा कंपनी के ऑपरेशंस डिपार्टमेंट में काम करता था। शैलेश सिंह अपने पीछे पत्नी, दो बेटों और दो बेटियों को छोड़ गए हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।