छत्तीसगढ़ में जापानी बुखार (इंस्फ्लाइटिस) फैलने लगा है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के नेता और मंत्री अपने प्रशासनिक दायित्वों से दूर, चुनाव प्रचार और टिकट की जुगाड़ में लगे हैं।
सुकमा जिले में एक युवक में जापानी इंसेफ्लाइटिस के लक्षण मिले हैं, जिसके बाद सभी अस्पतालों में अलर्ट तो कर दिया गया है, लेकिन रोकथाम के उचित इंतजाम नहीं हो पाए हैं।
फिलहाल लोगों में दहशत फैल रही है क्योंकि वो जानते हैं कि राज्य में तो मामूली बुखार तक का इलाज सही तरह से नहीं हो पाता तो ऐसे में जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारी के रोकथाम या इलाज की तो उम्मीद ही करना बेकार है।
फिलहाल जहां जापानी इंसेफ्लाइटिस की शिकायतें मिल रही हैं, वहां जांच दल पहुंचने के दावे किए जा रहे हैं।
पत्रिका के अनुसार सुकमा जिले के नागारास इलाके में रहने वाले एक युवक की तबीयत बिगडऩे के बाद उसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर उसे डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद उसकी रिपोर्ट में उसे जापानी बुखार में पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद सभी अस्पताल में अलर्ट जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
जिला प्रशासन अब जापानी इंसेफ्लाइटिस रोकने के लिए हरकत में आ रहा है। इसके कारणों का पता लगाने और रोकथाम के लिए बैठक भी की गई है। जिला प्रशासन ने इलाके के 500 से अधिक सुअरों को आवासीय क्षेत्र से 3 किलोमीटर दूरी पर कलेक्टर के आदेश के अनुसार विस्थापित किया गया है।
जिस जिले में यह जापानी बुखार का मरीज मिला है, उस कोठीगुड़ा में 52 परिवार है, जिनमें रहने वाले लोगों की संख्या 250 है। सभी लोग सुअरपालन काम से जुड़े हुए हैं। घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
सुकमा जिले में एक युवक में जापानी इंसेफ्लाइटिस के लक्षण मिले हैं, जिसके बाद सभी अस्पतालों में अलर्ट तो कर दिया गया है, लेकिन रोकथाम के उचित इंतजाम नहीं हो पाए हैं।
फिलहाल लोगों में दहशत फैल रही है क्योंकि वो जानते हैं कि राज्य में तो मामूली बुखार तक का इलाज सही तरह से नहीं हो पाता तो ऐसे में जापानी इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारी के रोकथाम या इलाज की तो उम्मीद ही करना बेकार है।
फिलहाल जहां जापानी इंसेफ्लाइटिस की शिकायतें मिल रही हैं, वहां जांच दल पहुंचने के दावे किए जा रहे हैं।
पत्रिका के अनुसार सुकमा जिले के नागारास इलाके में रहने वाले एक युवक की तबीयत बिगडऩे के बाद उसे पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिर उसे डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद उसकी रिपोर्ट में उसे जापानी बुखार में पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद सभी अस्पताल में अलर्ट जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
जिला प्रशासन अब जापानी इंसेफ्लाइटिस रोकने के लिए हरकत में आ रहा है। इसके कारणों का पता लगाने और रोकथाम के लिए बैठक भी की गई है। जिला प्रशासन ने इलाके के 500 से अधिक सुअरों को आवासीय क्षेत्र से 3 किलोमीटर दूरी पर कलेक्टर के आदेश के अनुसार विस्थापित किया गया है।
जिस जिले में यह जापानी बुखार का मरीज मिला है, उस कोठीगुड़ा में 52 परिवार है, जिनमें रहने वाले लोगों की संख्या 250 है। सभी लोग सुअरपालन काम से जुड़े हुए हैं। घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।