शाहरूख को मान उपाधि देना चाहता था जामिया मिलिया इस्लामिया कॉलेज, मोदी सरकार ने रोका

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 22, 2019
देश के मशहूर जामिया मिलिया इस्लामिया कॉलेज ने केंद्र की मोदी सरकार से अपने पूर्व छात्र और फिल्म स्टार शाहरुख खान को मानद डॉक्टरेट देने का अनुरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने इससे इनकार दिया। केंद्र सरकार ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि शाहरुख को ऐसी ही डिग्री मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी की ओर से दी गई है। हालांकि, इस तरह की कोई रोक नहीं रही है।



द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक जामिया की ओर से यह अनुरोध बीते साल फरवरी महीने में की गई, जिसे तीन महीने बाद केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने खारिज कर दिया।

इस बारे में संपर्क किए जाने पर उच्च शिक्षा के सचिव आर सुब्रमण्यम ने माना कि इस बारे में यूजीसी की ओर से कोई नियम नहीं तय किए गए हैं। बड़ी हस्तियों को विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से मानक डॉक्टरेट देने के उदाहरणों के बारे में पूछे जाने पर हायर एजुकेशन सेक्रेटरी ने कहा कि ऐसा तब संभव हुआ होगा जब एक संस्थान को यह नहीं पता हो कि दूसरा क्या कर रहा है। उनके मुताबिक, जहां तक नीतियों का सवाल है, हम इस चलन (एक व्यक्ति को दो मानद डिग्री) को बढ़ावा नहीं देते।

बता दें कि शाहरुख जामिया के एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर में 1988-90 में मास्टर्स के छात्र थे। हालांकि, कम अटेंडेंस की वजह से वह फाइनल परीक्षा में नहीं बैठ पाए थे। 

रिपोर्ट के मुताबिक, जामिया की ओर से 30 जनवरी 2018 को शाहरुख खान को चिट्ठी लिखी गई। इसमें कहा गया कि शाहरुख इस विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित पूर्व छात्र रहे हैं, इस वजह से रिश्तों को मजबूत करने के लिए विश्वविद्यालय उन्हें मानद डिग्री देना चाहता है। 

उन्होंने कहा कि वे एचआरडी मिनिस्ट्री की रजामंदी का इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद फरवरी में यह अवॉर्ड दिया जाता। खान की ओर से 17 फरवरी 2018 को रजामंदी दे दी गई। रजामंदी में खान के एक सहयोगी की ओर से लिखा गया, इसे कबूल करना गर्व की बात होगी।

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