अपने नागरिकों के जीवन की रक्षा करना राज्य का कर्तव्य है- पटना हाईकोर्ट

Written by sabrang india | Published on: April 8, 2021
पटना। पटना हाईकोर्ट ने माना है कि राज्य का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों के जीवन की रक्षा करे। कोर्ट मुंगेर मां दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दरमियान अक्टूबर 2020 में हुई गोलीबारी की घटना के मामले में सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने बुधवार को मुंगेर में मां दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान की घटना में मारे गए 18 साल के लड़के के पिता को मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपए प्रदान करने को कहा है। यह आदेश महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि क्षतिपूर्ति फायरिंग की घटना की जांच लंबित होने के बावजूद दी गई है। 



जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की एकल पीठ ने कहा कि मुआवजा देने के उद्देश्य से, यह जानना कि गोलीबारी के पीछे कौन था, जो लड़के के दुर्भाग्यपूर्ण निधन का कारण बना, अप्रासंगिक है, क्योंकि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह अपने नागरिकों के प्राणों की रक्षा करे।

हाईकोर्ट ने कहा, 'एक नागरिक के जीवन की रक्षा करने की जिम्मेदारी राज्य की थी... चाहे याचिकाकर्ता का बेटा पुलिस द्वारा फायरिंग के परिणामस्वरूप मरा या भीड़ में किसी बदमाश की गोली से उसकी मौत हो गई हो, यह बहुत ही साधारण कारण से प्रासंगिक नहीं होगा कि किसी भी मामले में राज्य याचिकाकर्ता के बेटे के जीवन की रक्षा करने में विफल रहा, जो मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के जुलूस में एक दर्शक था।'

अधिकारियों के अनुसार, जुलूस के दरमियान कानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई और जुलूस में शामिल लोग गैर-कानूनी और अनियंत्रित भीड़ में बदल गए, पथराव शुरू कर दिया और सुरक्षा बलों पर गोलियां चला दीं। दूसरी ओर याचिकाकर्ता ने दावा किया कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में मुंगेर पुलिस ने भीड़ पर गोलीबारी करने के मामले में बिहार पुलिस मैनुअल में तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया, और उन्होंने भक्तों पर अंधाधुंध और क्रूर गोलीबारी की।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए किसी भी वैकल्पिक विधि का सहारा नहीं लिया। इस घटना के कारण याचिकाकर्ता के बेटे की मृत्यु हो गई और लगभग 30 लोग घायल हो गए। याचिकाकर्ता ने मौजूदा रिट याचिका सीबीआई द्वारा घटना की स्वतंत्र जांच की मांग के लिए दायर की।
 

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