क्या ब्लैक फंगस के लिए इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का उपयोग जिम्मेदार?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 22, 2021
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस वजह से कई राज्यों ने इसे महामारी घोषित किया है। माना जा रहा है कि कोरोना के इलाज में स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल ब्लैक फंगस के फैलने की वजह है। लेकिन अब दिल्ली के प्रतिष्ठित अस्पताल एम्स की डॉक्टर प्रोफेसर उमा कुमार ने इंडस्ट्रीयल ऑक्सीजन के उपयोग पर सवाल उठाया है।



उन्होंने ट्वीट किया, रूमेटोलॉजी के लाखों मरीजों में हफ्तों तक स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया,  लेकिन बीते कुछ हफ्तों में म्यूकरमाइकोसिस के जिस तरह से मामले बढ़े हैं वो कभी नहीं देखे। क्या कोविड म्यूकरमाइकोसिस को इनवाइट करने के लिए शरीर की इम्युनिटी से खेल रहा है या फिर क्राइसिस के दौरान उपयोग की गई इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन? इस ट्वीट में उन्होंने आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को टैग किया है। 



बता दें कि कोविड-19 के मरीजों में फफड़ों की सूजन को कम करने के लिए स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल किया जाता है। जब शरीर का इम्यून सिस्टम कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अतिसक्रिय हो जाता है तो उस दौरान शरीर को कोई नुक़सान होने से रोकने में स्टेरॉइड्स मदद करते हैं। लेकिन इससे शरीर की इम्यूनिटी कम हो जाती है। डायबिटीज़ या बिना डायबिटीज़ वाले मरीज़ों में शुगर का स्तर बढ़ा देते हैं। इसी वजह से स्टेरॉइड्स को कोविड-19 से रिकवर हुए मरीजों को म्यूकरमायकोसिस का कारण माना जा रहा है।
 
म्यूकरमायकोसिस एक दुर्लभ संक्रमण है। ये म्यूकर फफूंद के कारण होता है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्ज़ियों में पनपता है। ये फंगस हर जगह होती है। मिट्टी में और हवा में। यहां तक कि स्वस्थ इंसान की नाक और बलगम में भी ये फंगस पाई जाती है। ये फंगस साइनस, दिमाग़ और फेफड़ों को प्रभावित करती है और डायबिटीज़ के मरीज़ों या बेहद कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों के मरीज़ों में जानलेवा भी हो सकती है। म्यूकरमायकोसिस में मृत्यु दर 50 प्रतिशत तक है।

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