उत्तर प्रदेश। बीजेपी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को लेकर कई तरह की खबरें भी सामने आ चुकी हैं। हाल ही में यूपी की कई नगरपालिकाओं में भाजपा पार्षदों ने वंदे मातरम गाने को अनिवार्य बनाया जिसको लेकर कुछ मुस्लिम पार्षदों ने माना कर दिया था। लेकिन अब खबरें आ रही है कि अब उत्तराखंड में राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में राष्ट्र गीत और राष्ट्रगान गाना अनिवार्य किया जाएगा।
जी हां, इस बात को उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में राष्ट्र गीत (वंदे मातरम) और राष्ट्रगान (जन गण मन) गाना अनिवार्य बनाया जाएगा। यहीं नहीं, इससे पहले रावत ने राज्य के विश्वविद्यालयों में तिरंगा फहराने को अनिवार्य बना चुके हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक रावत ने बुधवार (पांच अप्रैल) को रुड़की में एक कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखंड में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। रावत ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत गाने का समय भी नियत करेगी। इसके साथ ही रावत ने कहा कि राष्ट्र गीत सुबह 10 बजे और राष्ट्र गान शाम चार बजे गाना चाहिए। रावत ने यह भी कहा कि राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में स्नातक और परास्नातक छात्रों के लिए ड्रेस-कोड तय किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद छात्रों और टीचरों में अफरा-तफरी मच गयी। लेकिन शिक्षा मंत्री ने अपपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को सही रोशनी में देखना चाहिए।
शिक्षा मंत्री के इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य कांग्रेस के प्रमुख किशोर उपाध्याय ने टीओआई से कहा कि भाजपा सरकार का ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षा की स्थिति बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने की जगह सरकार उनके कपड़े तय करने में लगी है। यही नहीं राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत गाने के मुद्दे पर कांग्रेसी नेता ने कहा कि ऐसा बयान इसलिए दिए जा रहे हैं क्योंकि भाजपा सरकार के पास राज्य के विकास का कोई साफ विज़न नहीं है।
आपको बता दें कि इससे पहले वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ इत्यादि नगपालिकाओं में भाजपा ने बोर्ड की बैठक के पहले “वंदे मातरम” गाने को अनिवार्य बना दिया। वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के कब्जे वाली बरेली नगरपालिका में भी भाजपा पार्षदों ने कहा है कि वो हर बोर्ड बैठक से पहले “वंदे मातरम” गाएंगे।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak
जी हां, इस बात को उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा है कि राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में राष्ट्र गीत (वंदे मातरम) और राष्ट्रगान (जन गण मन) गाना अनिवार्य बनाया जाएगा। यहीं नहीं, इससे पहले रावत ने राज्य के विश्वविद्यालयों में तिरंगा फहराने को अनिवार्य बना चुके हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक रावत ने बुधवार (पांच अप्रैल) को रुड़की में एक कार्यक्रम में कहा कि उत्तराखंड में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। रावत ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत गाने का समय भी नियत करेगी। इसके साथ ही रावत ने कहा कि राष्ट्र गीत सुबह 10 बजे और राष्ट्र गान शाम चार बजे गाना चाहिए। रावत ने यह भी कहा कि राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में स्नातक और परास्नातक छात्रों के लिए ड्रेस-कोड तय किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद छात्रों और टीचरों में अफरा-तफरी मच गयी। लेकिन शिक्षा मंत्री ने अपपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को सही रोशनी में देखना चाहिए।
शिक्षा मंत्री के इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य कांग्रेस के प्रमुख किशोर उपाध्याय ने टीओआई से कहा कि भाजपा सरकार का ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षा की स्थिति बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने की जगह सरकार उनके कपड़े तय करने में लगी है। यही नहीं राष्ट्र गान और राष्ट्र गीत गाने के मुद्दे पर कांग्रेसी नेता ने कहा कि ऐसा बयान इसलिए दिए जा रहे हैं क्योंकि भाजपा सरकार के पास राज्य के विकास का कोई साफ विज़न नहीं है।
आपको बता दें कि इससे पहले वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ इत्यादि नगपालिकाओं में भाजपा ने बोर्ड की बैठक के पहले “वंदे मातरम” गाने को अनिवार्य बना दिया। वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के कब्जे वाली बरेली नगरपालिका में भी भाजपा पार्षदों ने कहा है कि वो हर बोर्ड बैठक से पहले “वंदे मातरम” गाएंगे।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak