हाथरस मामला: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने CBI से पूछा- आपको जांच के लिए और कितना समय चाहिए?

Written by sabrang india | Published on: November 6, 2020
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस राजन रॉय और पंकज मिथल की बेंच ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से पूछा है कि हाथरस गैंगरेप और मर्डर केस में जांच को खत्म करने के लिए उन्हें और कितना समय चाहिए? कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई की तारीख 25 नवंबर से पहले स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।



हाथरस मामले कि पीड़िता का कथित रूप से जबरन अंतिम संस्कार करने के मुद्दे का स्वत: संज्ञान (Suo Moto) लेने वाली जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस राजन रॉय की पीठ ने इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

पीठ ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए हाथरस के डीएम प्रवीण कुमार के खिलाफ सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर चिंता जाहिर की। हालांकि राज्य सरकार ने अपने वकील के माध्यम से कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वो इस सिलसिले में 25 नवंबर तक कोई फैसला लेगी।

अदालत ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से पूछा कि उसने पूर्व में दिए गए आदेश पर हाथरस के डीएम के बारे में क्या निर्णय लिया। इस पर सरकार के वकील ने यह कहते हुए जिलाधिकारी का बचाव किया कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया था। जहां तक हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के निलंबन का सवाल है तो उनके खिलाफ यह कार्रवाई कथित गैंगरेप मामले में समुचित कार्रवाई करने में लापरवाही के आरोप में की गई थी, ना कि अंतिम संस्कार के मामले को लेकर।

इसके पूर्व, राज्य सरकार, डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार और हाथरस के तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर ने कोर्ट में अपने-अपने हलफनामे दाखिल किए। अपर महाधिवक्ता वीके साही ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार के हलफनामे में हाथरस जैसी स्थिति में अंत्येष्टि से संबंधित दिशा-निर्देशों का एक मसविदा शामिल किया गया है। वहीं, डीएम और तत्कालीन एसपी ने अपने पुराने रुख को दोहराते हुए कहा कि तात्कालिक परिस्थितियों के मद्देनजर मृतका का अंतिम संस्कार किया गया था और दाह संस्कार में केरोसिन का इस्तेमाल नहीं हुआ था।

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार, गृह सचिव तरूण गाबा और हाथरस के तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर मौजूद थे। सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई के वकील अनुराग सिंह से मामले की अगली सुनवाई पर एजेंसी द्वारा की जा रही जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा।

वहीं हाथरस मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कोर्ट से गुजारिश की कि वो अपने आदेश में ऐसी कोई टिप्पणी न करें जिससे जांच प्रभावित होने की आशंका पैदा हो। इस बीच, पीड़िता की वकील सीमा कुशवाहा ने मामले की जांच को उत्तर प्रदेश के बाहर ट्रांसफर करने की अपनी मांग दोहराई।

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