हरियाणाः गांववालों ने सुनाया फरमान- टोपी न पहनें और लंबी दाढ़ी न रखें मुसलमान

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 21, 2018
हरियाणा के एक गांववालों ने मिलकर गांव में रह रहे मुस्लिम परिवारों को अजीबो-गरीब फरमान सुनाया है. गांव के  लोगों ने एक बैठक आयोजित कर गांव के सभी समुदाय के लोगों को बुलाया और फिर गांव में मुस्लिम समुदाय के लोगों टोपी और लंबी दाढ़ी न रखने का फैसला सुना दिया. हैरत की बात है कि इस दौरान तकरीब आधा दर्ज पुलिसकर्मी भी यहां तैनात रहे.



अंग्रेजी समाचार पत्र द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को तितोली गांव में सभी समुदायों के लोगों ने एक बैठक की जिसमें यह मौखिक प्रस्ताव पास किया गया। जिसमें मुस्लिम लोगों को हिंदू नाम रखने, खुले में नमाज़ न पढ़ने, मुस्लिम दिखाने वाले पहचानों जैसे- लंबी दाढ़ी रखने और मुस्लिम टोपी पहनने का त्याग करने के फैसले लिए गए.

बता दें कि पिछली 22 अगस्त को इस गांव में एक बछड़े की हत्या के आरोप में एक मुस्लिम परिवार पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इस मामले में दो लोगों को आईपीसी और पंजाब प्रोहिबिशन ऑफ काउ स्लॉटर एक्ट, 1955 के तहत गिरफ्तार किया गया था.

रिपोर्ट के मुताबिक, रोहतक तहसील नंबरदार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश नंबरदार ने बताया कि इस बैठक में गांव के सभी जाति-धर्म के लोगों ने हिस्सा लिया था. नंबरदार ने बताया कि इस गांव में काफी वक्त से हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के साथ रहते थे लेकिन उत्तर प्रदेश से आकर बसे कुछ लोगों ने गांव की शांति भंग कर दी है.

नंबरदार ने बताया कि इस मीटिंग में ये फैसला भी लिया गया कि गांव में वक्फ़ बोर्ड की एक एकड़ जमीन को पंचायत अधिगृहित कर लेगा और मुस्लिम समुदाय को श्मशान के लिए गांव के बाहर जमीन दे दी जाएगी. इसके अलावा गौ हत्या का आरोप झेल रहे यामीन नाम के शख्स के गांव में आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.

राजबीर नाम के स्थानीय मुस्लिम नेता ने बताया कि समुदाय ने इन फैसलों को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि 'हम विभाजन के बाद से ही हिंदू नाम नहीं रखते हैं और न ही मुस्लिम टोपी पहनते हैं और न ही दाढ़ी रखते हैं. चूंकि गांव में कोई मस्जिद नहीं है इसलिए हम 8-10 किलोमीटर रोहतक शहर में जाकर जुमे या दूसरे मौकों पर नमाज पढ़ते हैं.'

हालांकि इन फैसलों का विरोध करते हुए मुस्लिम एकता मंच के अध्यक्ष शाहज़ाद खान ने कहा कि ये असंवैधानिक है और स्थानीय लोगों ने इसे मान लिया है क्योंकि उनके पास कोई और विकल्प नहीं है.

सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने बताया कि उन्हें बुधवार शाम को इस घटना का पता चला है. उन्होंने कहा कि ये असंवैधानिक है और वो इस बारे में गांव के सरपंच से बात करेंगे. इस घटना की जांच कराई जाएगी.

बाकी ख़बरें