अहमदाबाद। साल 1995 से गुजरात में भाजपा की सरकार रही है। इन 22 सालों में भाजपा ने गुजरात को एक 'विकास मॉडल' के रूप में पेश किया लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में हार के डर ने भाजपा को हिंदुत्व के रास्ते पर जाने पर मजबूर कर दिया है।

2017 में गुजरात विधानसभा का चुनाव होना है और अगर भाजपा इसे हार जाती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव में इसका बुरा असर होगा। जाहिर है इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार दिख रही है। क्योंकि पिछले दो-तीन सालों में गुजरात में कुछ बड़े आंदोलन हुए, जिनमें पाटीदार आंदोलन, दलित आंदोलन और पिछड़ी जाति आंदोलन ने भाजपा के खिलाफ मंच तैयार किया है जिसकी वजह से भाजपा बुरी तरह डरी हुई है। शायद यही कारण है कि भाजपा हिंदुत्व की ओर लौटना चाह रही है।
खबर के मुताबिक, आने वाले विधानसभा चुनाव की चुनौतियों को देखते हुए भाजपा को समर्थन करने वाले भगवा शिविर जैसे कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल आने वाली चुनौती के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। पिछले सप्ताह अहमदाबाद के कई इलाकों में 'आपका हिंदू राष्ट्र में स्वागत है' लिखे हुए बोर्ड दिखाई दिए। इन इलाकों में कृष्णानगर, मेघानीनगर, शाहीबाग और अनुपम सिनेमा प्रमुख नाम हैं। इन बोर्डों के आयोजकों में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों के नाम, नंबरों सहित लिखे गए हैं।
इन बोर्डों में अहमदाबाद का नाम बदलकर 'कर्णावती' लिखा गया है। ऐसे ही कई सारे बोर्ड कृष्णनगर और साहिबाग के कई इलाकों में पाए गए। आपको बता दें कि अहमदाबाद का नाम 'कर्णावती' करना भाजपा के राजनीतिक एजेंडे में है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद का नाम शहर के बादशाह अहमद शाह सहित चार अहमदों के सम्मान में रखा गया था, इन अहमदों में खुद बादशाह अहमद शाह, उनके धार्मिक शिक्षक शेख अहमद कट्टू और दो अन्य अहमद क़ाजी अहमद और मलिक अहमद हैं।

गुजरात में भी भाजपा उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की तरह कट्टरवादी चेहरा सामने रखना चाहती है। गुजरात भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी ने भी कहा है कि योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी राज्य में चुनाव प्रचार के मुख्य चेहरे होंगे।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak

2017 में गुजरात विधानसभा का चुनाव होना है और अगर भाजपा इसे हार जाती है तो 2019 के लोकसभा चुनाव में इसका बुरा असर होगा। जाहिर है इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार दिख रही है। क्योंकि पिछले दो-तीन सालों में गुजरात में कुछ बड़े आंदोलन हुए, जिनमें पाटीदार आंदोलन, दलित आंदोलन और पिछड़ी जाति आंदोलन ने भाजपा के खिलाफ मंच तैयार किया है जिसकी वजह से भाजपा बुरी तरह डरी हुई है। शायद यही कारण है कि भाजपा हिंदुत्व की ओर लौटना चाह रही है।
खबर के मुताबिक, आने वाले विधानसभा चुनाव की चुनौतियों को देखते हुए भाजपा को समर्थन करने वाले भगवा शिविर जैसे कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल आने वाली चुनौती के लिए मंच तैयार कर रहे हैं। पिछले सप्ताह अहमदाबाद के कई इलाकों में 'आपका हिंदू राष्ट्र में स्वागत है' लिखे हुए बोर्ड दिखाई दिए। इन इलाकों में कृष्णानगर, मेघानीनगर, शाहीबाग और अनुपम सिनेमा प्रमुख नाम हैं। इन बोर्डों के आयोजकों में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोगों के नाम, नंबरों सहित लिखे गए हैं।
इन बोर्डों में अहमदाबाद का नाम बदलकर 'कर्णावती' लिखा गया है। ऐसे ही कई सारे बोर्ड कृष्णनगर और साहिबाग के कई इलाकों में पाए गए। आपको बता दें कि अहमदाबाद का नाम 'कर्णावती' करना भाजपा के राजनीतिक एजेंडे में है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद का नाम शहर के बादशाह अहमद शाह सहित चार अहमदों के सम्मान में रखा गया था, इन अहमदों में खुद बादशाह अहमद शाह, उनके धार्मिक शिक्षक शेख अहमद कट्टू और दो अन्य अहमद क़ाजी अहमद और मलिक अहमद हैं।

गुजरात में भी भाजपा उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ की तरह कट्टरवादी चेहरा सामने रखना चाहती है। गुजरात भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी ने भी कहा है कि योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी राज्य में चुनाव प्रचार के मुख्य चेहरे होंगे।
(संपादन- भवेंद्र प्रकाश)
Courtesy: National Dastak