कोरोना के पीछे राजनीति और मीडिया

Written by Girish Malviya | Published on: July 20, 2020
एक छोटे से सवाल का जवाब दे दीजिए। एक ऐसी बीमारी को जिसके 80 प्रतिशत मरीजो को बीमारी के कोई लक्षण ही नही है यानी वह कब संक्रमित हुए ? कब ठीक हो गए उन्हें खुद को ही पता नही चला? तो ऐसी बीमारी को आप बीमारी कैसे कह रहे हो ?



एसिंटोमेटिक मरीजों को मरीज मानना बन्द कर दीजिए, एक झटके में कोरोना मरीजो की संख्या घट जाएगी। चीन ने ठीक यही किया है और वहाँ कोरोना के केस आने लगभग बन्द हो गये है। आज वहाँ की अर्थव्यवस्था ने 3.2 की विकास दर दर्ज की है। चीन सब काम कर रहे हैं औद्योगिक उत्पादन रफ्तार पकड़ चुका है। यहाँ सब बन्द है।

लेकिन आप की औकात नही है कि आप चीन सरीखा बोल्ड डिसिजन ले पाओ क्योकि आपकी ICMR दरअसल WHO की गुलाम बनी हुई है। मालिक जब निर्देश देता है तब लॉकडाउन लगाया जाता है। मालिक बोलता है टेस्टिंग कम करके दो महीने के लॉक डाउन को सफल बता दो। गुलाम ठीक वही करता है। मालिक बोलता है टेस्टिंग बढ़ा कर अनलॉक को असफल करो लोगो के दिमाग मे डालो कि लॉक डाउन दुबारा लगाना जरूरी है गुलाम ठीक वही करता है।

इनका सबसे जबरदस्त टूल है मीडिया
पैनिक कितना क्रिएट करना है ? कब क्रिएट करना है ? कैसे क्रिएट करना है ? यह दुनिया के चंद लोग डिसाइड कर रहे हैं, उन्ही का मीडिया पर कब्जा है। आप उनका नाम नही ले सकते उनके प्रतिनिधि दुनिया की हर सरकार में है सिर्फ केंद्र सरकार में ही नही राज्य सरकार में भी। वे बहुत ताकतवर हैं वे ही चुनाव जितवाते है वो ही चुनाव हरवाते हैं।

ये सारा डेटा का खेल है। मीडिया सिर्फ आपको डेटा दिखाता है स्थानीय सरकार जैसा चाहिए वैसा मैन्युपुलेशन लोकल डेटा में कर देती है। कभी वह किल कोरोना जैसा अभियान चलाकर टेस्टिंग की संख्या बढ़ा देती है कभी पिछले महीने हुई मौतों को उस महीने में न दिखाकर इस महीने में हुई मौतो में जोड़ देती है।

नतीजा ये होता है कि वो जो दिखा रहे होते है वही आप देख रहे होते हो, न आप इससे अधिक देखना करते हो न सोचना पसंद करते हो। जो आपको इसकी असलियत बताए आप उस पर हँसने लगते हो।

वे आपको सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर देंगे यदि आप कोरोना के इलाज की ऑल्टरनेटिव पैथी पर बात करोगे लेकिन वे आपको तब ब्लॉक नही करेंगे जब आप ऐसी तस्वीरें पोस्ट करोगे जिसमें लाशों को गढ्ढो में फेंकते हुए दिखाया होगा, जिसमे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला होते दिखाया होगा, जिसमे सड़क पर चलते लोगो अचानक गिर कर मरते दिखाया होगा।

चूंकि आप वही काम कर रहे जो उनका गोल है इसलिए वो आपको ब्लॉक नही करेंगे। आप पैनिक फैलाओ आप समुदायो के बीच घृणा फैलाओ आप ब्लॉक नही किये जाओगे लेकिन आप वेक्सीन की गड़बड़ियां उजागर कर दो, आप उनकी महंगी दवाइयों पर सवाल उठा दो, आप लिख दो कि इसका इलाज तो होमियोपैथी से भी हो सकता है आपको चेतावनी दी जाएगी आप ब्लॉक हो जाओगे।

वर्ल्ड वाइड पैनिक क्रिएट करने के पीछे, वैक्सीन को एकमात्र उपाय ओर इम्युनिटी पासपोर्ट की तरह प्रजेंट करने के पीछे एक बहुत राजनीति है जो आज आपकी समझ मे नहीं आएगी लेकिन कुछ साल बाद शायद आप समझ जाओ।

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