लॉकडाउन COVID-19 का समाधान नहीं, आपके रूक जाने से नहीं रूकेगा कोरोना वायरस

Written by sabrang india | Published on: August 16, 2020
WHO फिर से हमें मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहा है। आपको पता है कि कुछ दिन पहले चीन द्वारा ब्राजील से आयातित फ्रोजन चिकन विंग्स से लिए गए सैंपल में घातक COVID-19 वायरस डिटेक्ट होने का दावा किया गया है। इसके साथ-साथ एक्वाडोर से आयातित सीफूड की पैकेजिंग में भी इस वायरस के होने की रिपोर्ट मिली थी।



विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के इस दावे को खारिज कर दिया। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी तक पैक्ड या फ्रोजन फ़ूड के लिए कोरोना संक्रमण फैलने के कोई सबूत नहीं है इसलिए लोगों को इसे इस्तेमाल करने से नहीं डरना चाहिए।

यानि ये कमाल की बात है कि कोई कह रहा है कि भाई इसमे हमे कोरोना वायरस मिला है लेकिन WHO कह रहा है कि आपको मिला होगा लेकिन हमारे पास ऐसे कोई सुबूत नही है कि आपके द्वारा इस फ्रोजन चिकन को इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस फैलता है इसलिए हम तो नही मानेंगे।

यह साफ साफ एक बेवकूफी भरा वक्तव्य है। मुझे याद है कि तंजानिया में परीक्षण करने पर बकरी और फल भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे तंजानिया के राष्ट्रपति मैगुफुली ने कहा था कि कोरोना जांच किट ने एक बकरी और भेड़ में कोरोना संक्रमण की पुष्टि की है। इसी तरह एक विशेष प्रकार के फल (pawpaw) में भी संक्रमण की पुष्टि की है। ऐसे में अब इसके परिणामों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।

मीडिया उस वक्त सारा दोष चीनी किट को दे रहा था। WHO तो इस बारे में बात करने तक को तैयार नहीं था। विश्व के तमाम बड़े बड़े वैज्ञानिक तंजानिया की हंसी उड़ा रहे थे उसे झूठा मान रहे थे। आज वह चीन द्वारा दिए गए सबूतों पर WHO के एक्सप्लेनेशन से कैसे संतुष्ट है? स्पेन में जब उदबिलावो में कोरोना वायरस मिला तो उन्हें फिर मारने के आदेश क्यो दिए गए ?

मैं वैज्ञानिक नही हूँ, डॉक्टर नही हूँ, कोरोना विशेषज्ञ भी नही हूँ लेकिन अपनी साधारण बुद्धि का इस्तेमाल कर एक बात जरूर कह सकता हूँ कि यदि यह वायरस हवा द्वारा फैल सकता है, थूक के ड्रापलेट द्वारा फैल सकता है, यानि नमी में कई दिनों तक सर्वाइव कर सकता है तो यह वायरस पूरी दुनिया मे हर जगह पर मौजूद होगा। पपीते में चिकन में इस वायरस का मिलना कोई आश्चर्य की बात नही है।

यह वायरस अब सर्वव्यापी है, आप अब तक बीमार नही पड़े हो इसका मतलब यह नही है कि आप कोरोना पॉजिटव नही हुए हो, हो सकता है आपमे यह वायरस आ जा चुका हो, धारावी जैसी जगह पर सीरो सर्वे में 60 प्रतिशत लोगो मे ऐंटीबॉडी मिलना बहुत बड़ी घटना है यह बताता है कि इतना अधिक पैनिक मचाने की कोई जरुरत ही नही थी।

यह बीमारी जरूर है लेकिन इतनी बड़ी नही कि आप पूरी इकनॉमी बन्द कर दो और घर मे बैठ जाओ और यदि ऐसे लॉकडाउन करने का बोला जा रहा है तो उससे तो बीमारी रुकने वाली है नहीं क्योकि यह वायरस आपके रुक जाने से तो रुकने वाला है नही?

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