उत्तर प्रदेश में महिलाओं और दलितों के खिलाफ एक के बाद एक आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ कहे जाने वाले गोरखपुर जिले का है जहां एक दलित युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया है। यह घटना जिले के गगहा थाना क्षेत्र की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला ने पहले पुलिस में तहरीर दी थी लेकिन कथित तौर पर बदनामी के डर से शिकायत को वापस ले ली। इसलिए पुलिस इस मामले को संदिग्ध मान रही है। हालांकि चार आरोपियों को कानपुर में एक ट्रेस से गिरफ्तार किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना गुरुवार रात की है जब दलित युवती अपनी बहन के साथ शौच के लिए कई थी। तभी रास्ते में आने वाले मुर्गी फार्म के पास पांच आरोपियों ने उसे पकड़ लिया और दुष्कर्म किया। पीड़िता ने घटना की शिकायत अगले दिन पुलिस में की। पुलिस के मुताबिक शिकायत मिलने पर जांच शुरू की गई और पूछताछ भी की गई। हालांकि शुक्रवार को पीड़िता ने अपनी शिकायत वापस ले ली।
कहा जा रहा है कि बदनामी के डर से पीड़िता ने शिकायत वापस ले ली थी। मगर पुलिस ने तहरीर को लिया है। पुलिस को शक है कि मामला संदिग्ध है। साथ ही, 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। पुलिस ने फेसबुक के जरिए उनकी प्रोफाइल खंगाली, फोटो जुटाई। मोबाइल से लोकेशन हासिल की गई और कानपुर जीआरपी की मदद से चार आरोपियों को ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया। पांचवां आरोपी अभी फरार है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना गुरुवार रात की है जब दलित युवती अपनी बहन के साथ शौच के लिए कई थी। तभी रास्ते में आने वाले मुर्गी फार्म के पास पांच आरोपियों ने उसे पकड़ लिया और दुष्कर्म किया। पीड़िता ने घटना की शिकायत अगले दिन पुलिस में की। पुलिस के मुताबिक शिकायत मिलने पर जांच शुरू की गई और पूछताछ भी की गई। हालांकि शुक्रवार को पीड़िता ने अपनी शिकायत वापस ले ली।
कहा जा रहा है कि बदनामी के डर से पीड़िता ने शिकायत वापस ले ली थी। मगर पुलिस ने तहरीर को लिया है। पुलिस को शक है कि मामला संदिग्ध है। साथ ही, 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। पुलिस ने फेसबुक के जरिए उनकी प्रोफाइल खंगाली, फोटो जुटाई। मोबाइल से लोकेशन हासिल की गई और कानपुर जीआरपी की मदद से चार आरोपियों को ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया। पांचवां आरोपी अभी फरार है।