उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में एक के बाद एक दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला बांदा जिले के तिंदवारी क्षेत्र है जहां एक दलित नाबालिक लड़की का कथित तौर पर गैंगरेप किया गया। इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक कि पिछली 29 मई को तिंदवारी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 16 साल की एक नाबालिग को मोटरसाइकिल सवार दो युवक बेहोशी की दवा देकर उठा ले गए।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग लड़की को पहले हमीरपुर जिले के इचौली ले जाया गया जहां अगवा करने वाले एक लड़के की बहन ने जबरन उसकी मांग में सिंदूर भरवाया। इसके बाद दोनों युवकों ने उसे लुधियाना (पंजाब) में रख कर 51 दिनों तक उससे बलात्कार किया।
सूत्रों के मुताबिक नाबालिग पीड़िता ने मौका पाकर फोन से खुद के लुधियाना में होने की सूचना परिजन को दी, तब परिजन उसे लुधियाना से छुड़ा कर सोमवार को थाने लाए और मुकदमा दर्ज कराया।
प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया, 'पीड़िता के पिता की तहरीर पर तेरही माफी गांव के निवासी रामलखन (22), उसकी बहन कलावती उर्फ कल्ली और उसके एक अन्य अज्ञात साथी के खिलाफ अपहरण, षड्यंत्र में शामिल होने, बलात्कार और एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग लड़की को पहले हमीरपुर जिले के इचौली ले जाया गया जहां अगवा करने वाले एक लड़के की बहन ने जबरन उसकी मांग में सिंदूर भरवाया। इसके बाद दोनों युवकों ने उसे लुधियाना (पंजाब) में रख कर 51 दिनों तक उससे बलात्कार किया।
सूत्रों के मुताबिक नाबालिग पीड़िता ने मौका पाकर फोन से खुद के लुधियाना में होने की सूचना परिजन को दी, तब परिजन उसे लुधियाना से छुड़ा कर सोमवार को थाने लाए और मुकदमा दर्ज कराया।
प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया, 'पीड़िता के पिता की तहरीर पर तेरही माफी गांव के निवासी रामलखन (22), उसकी बहन कलावती उर्फ कल्ली और उसके एक अन्य अज्ञात साथी के खिलाफ अपहरण, षड्यंत्र में शामिल होने, बलात्कार और एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।