'नौकरी मिलेगी नहीं, जी कर क्या करेंगे' कहकर 4 दोस्तों ने ट्रेन के आगे लगा दी छलांग, 3 की मौत

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 22, 2018
'नौकरी लगेगी नहीं तो जी कर क्या करेंगे" यह कहते हुए राजस्थान के अलवर में चार दोस्त ट्रेन के आगे कूद पड़े. इनमें तीन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि चौथे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 



घटना मंगलवार देर शाम की है अलवर के शांतिकुंज स्थित एफसीआई गोदाम के पास बेरोजगारी की बेबसी से चार युवकों ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी. तीन की मौत हो गई है. चारों छात्र पढ़ाई कर रहे थे. पुलिस प्रारंम्भिक जांच में तनाव की बात कह रही है. 

घटना के दौरान दो अन्य दोस्त वहां पर मौजूद थे. पुलिस उनसे भी पूछताछ कर रही है.

इनमें से एक प्रत्यक्षदर्शी दोस्त के मुताबिक आत्महत्या करने से पहले चारों दोस्तों ने कहा था कि नौकरी लगेगी नहीं और खेतो में काम हमसे होगा नहीं तो जी कर क्या करेंगे.

पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि रैणी के बहड़को कलां निवासी मनोज राणा (24), बचपुरी निवासी सत्यनारायण (22) , रैणी के बैरेर निवासी रितुराज उर्फ रिषी मीणा (17), टोडाभीम के खेड़ी मेघा निवासी अभिषेक मीणा (22) अलवर में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. 

मीडिया  रिपोर्ट्स के मुताबिक, चारों दोस्त व उनके दो अन्य साथी संतोष मीणा व राहुल मीणा रेलवे ट्रैक के पास बैठकर धूम्रपान कर रहे थे. इसी दौरान सामने से ट्रेन आती देख मनोज, सत्यनारायण, रितुराज और अभिषेक ने ट्रेन के आगे छलांग लगा ली. इसमें तीन की मौके पर मौत हो गई. अभिषेक गंभीर रुप से घायल हुआ. अचानक हुए हादसे को देख साथी संतोष और राहुल घबरा गए. पहले उन्होने ट्रैक पर शवों को ढूंढा, नहीं मिले तो सत्यनारायण के भाई सुरेंद्र व अन्य साथियों को सूचना दी.

सूचना मिलते ही 15-16 लोग घटनास्थल पर पहुंचे गए और शवों को तलाशने लगे.

एसएसपी के मुताबिक रात करीब साढ़े ग्यारह बजे पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया और घायल को निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां से उसे जयपुर रैफर कर दिया गया.

बुधवार की सुबह मृतकों के शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए गए हैं. पुलिस मृतक मनोज के चाचा छोटेलाल मीणा की रिपोर्ट पर मामले की जांच कर रही है. 


"हम सब मरेंगे तू भी मरेगा क्या" 

चश्मदीद राहुल मीणा ने बताया कि मंगलवार की शाम करीब साढ़ छह बजे सत्यनारायण ने उसे फोनकर एफसीआई गोदाम के पास बुलाया. वहां मनोज, अभिषेक, रितुराज और संतोष रेलवे पटरियों पर बैठकर धूम्रपान कर रहे थे. वह भी उनके साथ धूम्रपान करने लगा. इसी दौरान हंसी मजाक करते हुए सत्यनारायण उससे बोला कि अब जीने से मन भर गया है. हम सब तो मरेंगे, तू भी मरना चाहता है तो बता..नौकरी लगेगी नहीं और खेतों काम हमसे होगा नहीं तो जी कर क्या करेंगे, दूसरों को तकलीफ ही देंगे.

इस पर उसने सत्यनारायण से कहा मैं क्यों मरुं, अगर मैं मर गया तो मेरे घरवाले मर जाएंगे. उसने सत्यनारायण से कहा कि भाई सुबह से कुछ नहीं खाया है कमरे पर चलकर खाना बनाएंगे. तो सत्यनारायण बोला कि अपने पास एटीएम और पैसे हैं, आधे घंटे रुक होटल पर खाना खाएंगे. फिर सभी दूसरे ट्रैक पर जाकर बैठ गए. फिर सत्यनारायण बोला कि मरना है सभी अपने घरों पर बात कर लो. फिर चारों इधर उधर फोन मिलाकर बात करने लग गए. इतने में सामने से जयपुर चंडीगढ़ ट्रेन और अचानक चारों ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चारों छात्र किराए के घर पर रहकर पढ़ाई कर रहे थे. मृतक मनोज और सत्यनाराण ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे थे और कंपीटीटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे थे. जबकि रितुराज एक प्राइवेट कालेज में बीए फर्स्ट ईयर का छात्र था, वहीं इस घटना में घायल अभिषेक बारहवीं पास है और रेलवे की तैयारी कर रहा है.
 

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