पूर्व आरबीआई गवर्नर ने अपनी नई किताब में खोला राज, बैंकरप्सी कानून में बदलाव कर रही थी केंद्र सरकार

Written by sabrang india | Published on: July 28, 2020
नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने अपनी नई किताब 'ओवरड्राफ़्ट: सेविंग द इंडियन सेवर' की रिलीज़ के दौरान बैंकरप्सी क़ानून के नियमों में ढील दिए जाने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है।



उर्जित पटेल ने कहा है कि केंद्र सरकार ने इंसॉल्वेंसी और बेंकरप्सी क़ानून के नियमों में ढील दी और केंद्रीय बैंक की शक्तियों में भी कमी की है जिससे एनपीए की समस्या को हल करने के लिए साल 2014 से जो कोशिशें की गई थीं, उन पर नकारात्मक असर पड़ा है।

जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2016 से लेकर दिसंबर 2018 तक RBI के गवर्नर पद पर रहे उर्जित पटेल ने बताया कि आरबीआई चाहता था कि बैंकरप्सी क़ानून को सख़्त बनाया जाए ताकि भविष्य में जो कंपनियां डिफ़ॉल्ट करने की फ़िराक़ में हों उन्हें सबक़ मिले।

फ़रवरी 2018 में आरबीआई की तरफ़ से एक सर्कुलर जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि जो भी लेनदार राशि नहीं चुका रहा है उन्हें डिफ़ॉल्टर्स की लिस्ट में डाला जाए। इसके अलावा सर्कुलर में यह भी कहा गया था कि जो कंपनी डिफ़ॉल्ट कर जाएगी उसके प्रमोटर इनसॉल्वेंसी ऑक्शन के दौरान कंपनी में हिस्सेदारी बायबैक नहीं कर सकते हैं। सरकार की इस पर राय जुदा थी। सरकार इस बात से सहमत नहीं थी।

उन्होंने बताया कि सर्कुलर के आने तक उनकी और सरकार की राय एक थी, उनकी वित्त मंत्री से बातचीत भी होती थी लेकिन इस सर्कुलर के आने के बाद उनकी और सरकार की राय जुदा हो गई। उन्होंने बताया कि सरकार चाहती थी कि बैंक अपना सर्कुलर वापस ले ले लेकिन बैंक ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था।

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