महाराष्ट्र: बाढ़ से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए फडणवीस सरकार ने रखी शर्त, विपक्ष ने घेरा

Written by sabrang india | Published on: August 10, 2019
महाराष्ट्र के सतारा, सांगली, कोल्हापुर में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से भारी बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा रखी है। यहां लोगों को बाढ़ क्षेत्र से हटाए जाने का भी कोई इंतजाम नजर नहीं आ रहा है।। हर साल की तरह इस साल भी प्रदेश में जमकर बारिश हो रही है जिसके चलते लगभग 150 गांवों से संपर्क टूट गया है। हालात इतने खराब हैं कि हर घंटे मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। शुक्रवार तक 29 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है।

ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक ऐसा आदेश जारी किया है जिसके चलते उनकी किरकिरी हो रही है। सरकार द्वारा जारी किए गए इस आदेश के तहत आर्थिक सहायता सिर्फ उन लोगों को दी जाएगी जिनके क्षेत्र में दो दिन या उस से ज्यादा दिनों तक पानी भरा रहेगा। इस आदेश को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है।

इस आदेश के तहत आर्थिक सहायता उस व्यक्ति को दी जाएगी जिसके घर में दो दिन से अधिक समय तक पानी रहा है या फिर घर पूरी तरह बह गया है। ऐसे मामले में अगर आप शहर में रहते हैं तो प्रति परिवार सहायता राशि कपड़ों के लिए 7,500 रुपये होगी और घरेलू सामान के लिए भी इतनी ही राशि दी जाएगी, जबकि ग्रामीण इलाकों में कपड़ों के लिए पांच हजार और घरेलू सामान के लिए भी इतनी ही राशि दी जाएगी। 

अगर क्षेत्र बाढ़ के पानी में दो दिन से अधिक समय तक डूबा रहा है, वहां रहने वाले प्रत्येक परिवार को दस किलो चावल और दस किलो गेंहू दिया जाएगा। इस आदेश के बाद सरकार का जमकर मज़ाक उड़ाया जा रहा है। विपक्ष सरकार से पूछ रहा है कि क्या बाढ़ प्रभावित लोगों को 10 किलो चावल और गेहूं पाने के लिए दो दिनों तक पानी में रहना चाहिए।

इतना ही नहीं इसी बीच महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन का एक सेल्फी वीडियो विरल हो गया है। इस वीडियो में वे राहत दल की टीम के साथ नाव में बैठे वीडियो बना रहे हैं। 

दरअसल महाजन बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे पर थे तभी एक पार्टी कार्यकर्ता वीडियो बनाने लगा। वीडियो बनाने के दौरान महाजन ने उसे रोका भी नहीं और वे भी वीडियो में मुस्कुराते दिखे। इसके बाद सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया और लोगों ने इस पर नाराजगी जताई।

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