योगी की कर्जमाफी का नहीं मिला पैसा, किसान अहमद जान ने बैंक में तोड़ा दम

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 17, 2018
मुरादाबाद: केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार भले ही किसानों की हितों की बात करती हो लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। मुरादाबाद में गन्ना के भुगतान ना होने से एक किसान की मौत हो गई है। जिसके बाद पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। किसान अपने खाते में भुगतान के बारे में जानकारी करने बीते गुरूवार को गया था। लेकिन खाते में भुगतान न आने की खबर वो सहम नहीं कर पाया और बैंक काउंटर पर ही बेहोश होकर गिर गया। जब तक परिजन उसे इलाज के लिए ले गए उसकी मौत हो गयी।

कुंदरकी थाना क्षेत्र ग्राम हंसा नगला निवासी किसान अहमद जान पर करीब 15 से 20 बीघे खेती की जमीन है। जिसमें मृतक अहमत जान गन्ने की खेती करता था। भीलवाड़ा शुगर मिल पर उनका पिछले साल गन्ने का 60 हजार बकाया है। किसान के बेटे इरशाद ने बताया कि उनके पिता अहमद जान गुरुवार दोपहर में प्रथमा बैंक की हुसैनपुर शेरावली शाखा में गन्ने की भुगतान की जानकारी लेने गए थे। जहां पर गन्ना भुगतान ना आने से उनको सदमा लग गया और अहमद जान बैंक के अंदर ही गस खाकर गिर पड़े। पूरा घटनाक्रम बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया जिसके बाद आनन-फानन में अहमद जान को मुरादाबाद के निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने अहमद जान को मृत घोषित कर दिया।

अहमद जान की मौत की सूचना मिलते ही पूरे घर में कोहराम मच गया। मृतक किसान के बेटे का कहना है कि उनके पिता के ऊपर बैंक का लोन चल रहा था और वह गन्ना भुगतान के सहारे बैठे हुए थे। आज जब वह बैंक में भुगतान चेक करने गए तो पता चला कि गन्ना भुगतान का पैसा अभी खाते में नहीं आया है। जिसके बाद उन्हें सदमा लगा और उनकी बैंक में ही मौत हो गई।

मृतक के बेटे का कहना है कि उनके पिता के ऊपर कर्ज था और सरकार बनने के बाद सरकार ने वादा किया था कि किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा लेकिन मृतक किसान के बेटे ने बताया कि सरकार द्वारा उनका कोई भी कर्ज माफ नहीं किया गया था जिस कारण मृतक काफी परेशान था।

वहीँ तहसीलदार राजेश कुमार ने बताया कि उनके द्वारा पूरे मामले की जांच कराई गई है। जिसमें यह बात सामने आई है कि गन्ना मिल द्वारा भुगतान ना किए जाने के बाद किसान की मौत की बात सामने आ रही है। अब सवाल उठ रहा है कि एक तरफ सरकार किसानों के कर्ज माफी के दावे कर रही है। वहीं कर्ज़ के दबाव में किसान की मौत हो रही है। बड़ा सवाल यह है कि अगर सरकार द्वारा किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है फिर कर्ज़ के दबाव में किसानों की मौत क्यों हो रही है।

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