हरियाणा के जुलाना जिले में किसान के रेल रोको आंदोलन के चलते दिनभर तनाव के हालात बने रहे। यह आंदोलन, कुरुक्षेत्र से नारनौल तक निकलने वाले नेशनल हाइवे 152-डी के लिए अधिग्रहित जमीन का किसानों को मार्केट रेट पर भुकतान दिलाने के लिए हो रहा है। कल सुबह ही किसानों ने इस बात का आश्वासन दिया है कि, प्रशासन द्वारा राशि बढ़ाने का पत्र दिए जाने के बाद रेल नहीं रोकी जाएगी। परन्तु, साथ ही रेल रोको आंदोलन वापस न लिए जाने की भी पुष्टि कर दी है।
किसानों के इस आंदोलन के चलते पुलिस ने वाहनों का रूट भी डायवर्ट करने पड़ा। साथ ही, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 9 मजिस्ट्रेट, 9 DSP , 12 थाना प्रभारियों समेत सुरक्षा बलों की 12 कंपनियां तैनात करनी पड़ी। इसके साथ ही, धरनास्थल पर भारी पुलिस बल सहित दो वाटर कैनन गाड़ियां, एक वज्रा वैन मौजूद रही। किलाजफरगढ़ गांव में तो दिनभर पुलिस व किसान आमने सामने डटे रहे। DSP कप्तान सिंह, धर्मबीर सिंह और जगत सिंह को भी धरने पर तैनात किया था।
आंदोलन के कारण, जुलाना के पुराने बस स्टैंड पर ट्रैफिक पुलिस ने नाका लगाकर वाहनों को जींद रोहतक मार्ग से बदलकर दूसरे रूट से भेजना शुरू कर दिया। जिसके कारण वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।आंदोलन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाएं ट्रैक्टरों पर गीत गाती हुईं घटना स्थल पर पहुंची, उनका कहना है कि,‘अगर प्रशासन किसानों के साथ कुछ भी गलत करता है तो वो खुद धरने की कमांड संभालेंगी और अपना हक लेकर रहेंगी।’
फिलहाल, किसानों ने यह साफ कर दिया है कि, यदि अधिग्रहित जमीन की राशि 50 लाख रुपये प्रति एकड़ से कम दी जाएगी तो आंदोलन जरूर किया जाएगा। आंदोलन को लेकर रमेश दलाल ने कहा कि ‘किसानों का धरना अभी स्थगित नहीं हुआ है, बल्कि यह स्टैंडबाय मोड़ में चला गया है। अगर प्रशासन मामले को लटकाने का प्रयास करेगा तो किसान भी उसी भाषा में बात करेंगे। किसान किसी भी कीमत पर अपना हक लिए बिना पीछे हटने वाले नही हैं।’
किसानों के इस आंदोलन के चलते पुलिस ने वाहनों का रूट भी डायवर्ट करने पड़ा। साथ ही, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 9 मजिस्ट्रेट, 9 DSP , 12 थाना प्रभारियों समेत सुरक्षा बलों की 12 कंपनियां तैनात करनी पड़ी। इसके साथ ही, धरनास्थल पर भारी पुलिस बल सहित दो वाटर कैनन गाड़ियां, एक वज्रा वैन मौजूद रही। किलाजफरगढ़ गांव में तो दिनभर पुलिस व किसान आमने सामने डटे रहे। DSP कप्तान सिंह, धर्मबीर सिंह और जगत सिंह को भी धरने पर तैनात किया था।
आंदोलन के कारण, जुलाना के पुराने बस स्टैंड पर ट्रैफिक पुलिस ने नाका लगाकर वाहनों को जींद रोहतक मार्ग से बदलकर दूसरे रूट से भेजना शुरू कर दिया। जिसके कारण वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।आंदोलन में महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। महिलाएं ट्रैक्टरों पर गीत गाती हुईं घटना स्थल पर पहुंची, उनका कहना है कि,‘अगर प्रशासन किसानों के साथ कुछ भी गलत करता है तो वो खुद धरने की कमांड संभालेंगी और अपना हक लेकर रहेंगी।’
फिलहाल, किसानों ने यह साफ कर दिया है कि, यदि अधिग्रहित जमीन की राशि 50 लाख रुपये प्रति एकड़ से कम दी जाएगी तो आंदोलन जरूर किया जाएगा। आंदोलन को लेकर रमेश दलाल ने कहा कि ‘किसानों का धरना अभी स्थगित नहीं हुआ है, बल्कि यह स्टैंडबाय मोड़ में चला गया है। अगर प्रशासन मामले को लटकाने का प्रयास करेगा तो किसान भी उसी भाषा में बात करेंगे। किसान किसी भी कीमत पर अपना हक लिए बिना पीछे हटने वाले नही हैं।’