रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में खबरों के नाम पर पाठकों के साथ धोखाधड़ी के 20 मामले चुनाव आयोग द्वारा पकड़े गए हैं। पैसे लेकर प्रत्याशियों की खबरें छापने के अधिकतर मामले भाजपा से जुड़े हैं। इनमें सबसे अधिक 16 मामले भाजपा प्रत्याशियों से जुड़े हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर मेनस्ट्रीम मीडिया के समाचार चैनलों और अखबारों को पेड न्यूज़ के ज़रिये अपना भोपू बना चुकी राजनीतिक पार्टियों की घुसपैठ अब क्षेत्रीय और छोटे समाचार प्लेटफ़ॉर्म पर भी बढ़ने लगी है। चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के समाचारपत्रों में भी पेड न्यूज़ की ढेरों घटनाएं सामने आई हैं। यहां ऐसे 20 मामले चिन्हांकित किए गए और इनमें से अधिकतर मामलों में भाजपा प्रत्याशियों के शामिल होने की बात सामने आई है.
चुनाव आयोग ने इन पेड न्यूज़ का ख़र्च प्रत्याशी के खाते में जोड़ने के निर्देश देते हुए प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया में पेड न्यूज़ की बढ़ती इस खतरनाक परंपरा को ख़त्म करने के लिए मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अधिकतम इस्तेमाल के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग के जून 2010 के एक परिपत्र के अनुसार आयोग ने प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खतरे के निशान की तरफ बढ़ते पेड न्यूज की प्रथा को खत्म करने के लिए मौजूदा कानूनी प्रावधानों का अधिकतम इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने इन पेड न्यूज का खर्च प्रत्याशी के खाते में जोड़ने का निर्देश दिया है।
पेड न्यूज़ इस विज्ञापन का आधुनिक स्वरूप है, इसमें एंकर, संपादक, विशेषज्ञ सारे के सारे किसी पॉलिटिकल पार्टी,समूह या संगठन के सेल्स मैन की तरह काम करने लगते हैं।खबरों का यह धंधा इतनी सफाई से होता है कि आपको ये पता ही नही चलता कि किस सफाई से आपके ब्रेन वाश किया गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर मेनस्ट्रीम मीडिया के समाचार चैनलों और अखबारों को पेड न्यूज़ के ज़रिये अपना भोपू बना चुकी राजनीतिक पार्टियों की घुसपैठ अब क्षेत्रीय और छोटे समाचार प्लेटफ़ॉर्म पर भी बढ़ने लगी है। चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के समाचारपत्रों में भी पेड न्यूज़ की ढेरों घटनाएं सामने आई हैं। यहां ऐसे 20 मामले चिन्हांकित किए गए और इनमें से अधिकतर मामलों में भाजपा प्रत्याशियों के शामिल होने की बात सामने आई है.
चुनाव आयोग ने इन पेड न्यूज़ का ख़र्च प्रत्याशी के खाते में जोड़ने के निर्देश देते हुए प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया में पेड न्यूज़ की बढ़ती इस खतरनाक परंपरा को ख़त्म करने के लिए मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अधिकतम इस्तेमाल के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग के जून 2010 के एक परिपत्र के अनुसार आयोग ने प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में खतरे के निशान की तरफ बढ़ते पेड न्यूज की प्रथा को खत्म करने के लिए मौजूदा कानूनी प्रावधानों का अधिकतम इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने इन पेड न्यूज का खर्च प्रत्याशी के खाते में जोड़ने का निर्देश दिया है।
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