पहलू खान हत्याकांड: गोरक्षकों पर प्रतिबंध के लिए दिल्ली में छात्रों का प्रदर्शन

Published on: May 4, 2017
छात्रों के कई संगठनों और मानवाधिकार संगठनों ने बुधवार(3 मई) को राजधानी दिल्ली में स्थित बीकानेर हाउस के बाहर धरना दिया और देशभर में गोरक्षकों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने के साथ 55 वर्षीय दुग्ध उत्पादक किसान पहलू खान के परिजनों के लिए न्याय मांगा जिसकी राजस्थान में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।



बता दें कि राजस्थान के अलवर में तीन अप्रैल को कथित गोरक्षकों की पिटाई से खान की मौत हो गई थी। विरोध प्रदर्शन के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष मोहित कुमार पांडेय ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बढ़ गई हैं और इससे पता चलता है कि अल्पसंख्यकों को किस तरह निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सबसे बड़े जनादेश वाली सरकार इस तरह की घटनाओं पर चुप है तथा देश में अल्पसंख्यकों को और अधिक हाशिये पर लाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने राजस्थान के आवासीय आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा।

ज्ञापन में कहा गया है कि प्राथमिकी में जिन लोगों के भी नाम हैं, उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए। पहलू खान के परिवार को एक करोड़ रपये मुआवजा और घायलों अजमत खान को 25 लाख रुपये तथा रफीक खान को 10 लाख रुपये का मुआवजा तत्काल दिया जाए।
 
इसमें देशभर में गोरक्षक समूहों पर प्रतिबंध की मांग भी की गई है। ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमन्स एसोसिएशन की कविता कृष्णन ने दावा किया कि पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने उनसे धरने पर नहीं बैठने का अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा कि लेकिन मैंने उनसे पूछा कि वे हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन से क्यों रोक रहे हैं और गोरक्षकों को क्यों नहीं रोक रहे? आवासीय आयुक्त से मिले प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अधिकारी ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, राजस्थान के अलवर के बहरोड़ थाना क्षेत्र में कथित गोरक्षकों की भीड़ द्वारा गाय लेकर जा रहे मुस्लिम समुदाय के 15 लोगों पर किए गए हमले में बुरी तरह जख्मी 55 वर्षीय पहलू खान नाम की मौत हो गई थी। मेवात जिले के नूंह तहसील के जयसिंहपुर गांव के रहने वाले पहलू खान एक अप्रैल को अपने दो बेटों और पांच अन्य लोगों के साथ जब गाय खरीदकर लौट रहे थे, तब राजस्थान के बहरोड़ में कथित गोरक्षों ने गो-तस्करी का आरोप लगाकर उन लोगों की जमकर पिटाई की।

भीड़ के हमले में अन्य लोगों के साथ बुरी तरह से पिटाई के शिकार हुए 55 साल के पहलू खान ने 3 अप्रैल को अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि, बाद में मिले दस्तावेजों से साफ होता है कि उनके पास गाय ले जाने के दस्तावेज भी थे। इन रसीदों में इन लोगों द्वारा जयपुर नगर निगम और दूसरे विभागों को चुकाए गए पैसों की रसीद है, जिसके तहत वे कानूनी रूप से गायों को ले जाने का हक रखते थे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मारपीट करने वाले लोग हिंदू वादी संगठनों से जुड़े थे। हैरानी की बात ये है कि गोरक्षा के नाम भीड़ कुछ लोगों को मारती रही और पुलिस वहीं खड़ी होकर तमाशा देखती रही। वहीं, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने इस मामले में विवादित बयान देते हुए कहा था कि ‘गोरक्षकों’ ने अच्छा काम किया, लेकिन लोगों की पिटाई कर उन्होंने कानून का उल्लंघन भी किया।

Courtesy: Janta Ka Reporter
 

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