दिल्ली पुलिस ने फरवरी 2020 के दंगों के मामले में JNU की दो छात्राओं को किया गिरफ्तार

Written by sabrang india | Published on: May 24, 2020
नई दिल्ली। फरवरी 2020 में पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगे हुए थे। इन दंगों से पहले नागरिकता संशोधन विधेयक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। वहीं इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में रैली करने का आह्वाहन किया था। साथ ही पुलिस अधिकारियों के सामने ही 23 फरवरी को चेतावनी दी थी कि सड़कों को खाली करवा दें। इसके बाद अगले दिन दिल्ली में हिंसा भड़क गई थी। लेकिन दिल्ली पुलिस ने शनिवार की जेएनयू की दो छात्राओं को इसके लिए गिरफ्तार किया है जिनकी कथित रुप से सीएए विरोधी आंदोलन में भूमिका थी। 



डीसीपी (उत्तर पूर्व) वेद प्रकाश सूर्या ने छात्राओं की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। दिल्ली के महिला छात्र संगठन ‘पिंजरा तोड़’ के एक सदस्य ने बताया कि उनके दो कार्यकर्ता देवांगना कलिता (30) और नताशा नरवाल जेएनयू की छात्रा हैं और उन्हें उनके घरों से गिरफ्तार किया गया है।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, जाफराबाद में धरने-प्रदर्शन में बैठने के विरोध में एक एफआईआर पहले दर्ज की गई थी। महिलाओं को आईपीसी की धारा 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधित करना) और 353 (लोकसेवक को अपने कर्तव्य से रोकने के लिए आपराधिक बल इस्तेमाल करना) के तहत गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने कहा कि स्पेशल सेल की नई दिल्ली रेंज के अधिकारियों ने नरवाल से पूछताछ की। इसके बाद जाफराबाद पुलिस स्टेशन से आई स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। ‘पिंजरा तोड़’ ने एक बयान में कहा कि महिलाओं को शाम करीब छह बजे गिरफ्तार किया गया। संगठन ने बताया कि स्पेशल सेल द्वारा पूछताछ के बाद उन्हें उनके घरों से गिरफ्तार किया गया, जाफराबाद पुलिस स्टेशन द्वारा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए उनके परिवारों को कारण भी नहीं बताया।

बयान में आगे कहा गया, ‘पिछले कुछ महीनों में दिल्ली पुलिस ने कई छात्रों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। हम राज्य द्वारा लोकतांत्रिक कार्यकर्ताओं और छात्राओं की विच हंटिंग की कड़ी निंदा करते हैं और छात्र समुदाय और लोकतांत्रिक सोच रखने वाले नागरिकों से इस दमन के विरोध में खड़े रहने की अपील करते हैं।’

कलिता सेंटर फॉर वुमेन स्टडीज में एक एमफिल की छात्रा हैं जबकि नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज में पीएचडी की छात्रा हैं। दोनों 2015 में गठित पिंजरा तोड़ के संस्थापक सदस्य हैं। कलिता और नरवाल ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई क्रमश: डीयू के मिरांडा हाउस और हिंदू कॉलेज से की है।

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