विष्णु ने बताया कि उन्हें लंबे समय से केस वापस लेने के लिए लगातार दबाव और धमकियों का सामना करना पड़ रहा था।

मध्य प्रदेश के सागर जिले में दलित परिवार पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। साल 2019 में 15 वर्षीय दलित किशोरी अंजना अहिरवार के साथ कथित छेड़छाड़ और इसके बाद नितिन व राजेंद्र की हत्या के मामले ने पहले ही प्रदेश को झकझोर दिया था। अब उसी परिवार के एकमात्र बचे सदस्य, विष्णु अहिरवार, पर जानलेवा हमला किया गया है। विष्णु का आरोप है कि उन पर लगातार केस वापस लेने का दबाव डाला जा रहा था और जब उन्होंने इनकार किया तो उन पर हमला कर दिया गया।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में खुरई तहसील के बरोदिया नोनागिर गाँव में 15 साल की अंजना के साथ कथित छेड़छाड़ की गई थी। परिजनों ने ऊंची जाति के कुछ युवकों पर आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने उस समय मारपीट की FIR दर्ज की थी। परिवार का आरोप था कि आरोपी सत्ताधारी दल भाजपा से जुड़े हुए हैं, इसलिए मामला कमजोर किया गया।
इसके बाद परिवार पर लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया गया। अंजना की मां ने कई बार पुलिस और प्रशासन को शिकायत दी, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। इसी बीच, अगस्त 2023 में इस परिवार पर फिर हमला हुआ और अंजना के भाई नितिन की हत्या कर दी गई।
कुछ ही महीनों बाद, नितिन की हत्या के चश्मदीद गवाह चाचा राजेंद्र अहिरवार की मौत हो गई। इसके बाद अंजना की भी एम्बुलेंस से कूदने की घटना में संदिग्ध हालात में मृत्यु हो गई। अब उस दलित परिवार में केवल अंजना की मां, पिता और बड़ा भाई विष्णु ही बचे हैं।
इस भयावह घटना ने पहले भी पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। उस दौरान दलित संगठनों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात की थी, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और अन्य कांग्रेस नेता सागर पहुंचकर परिवार से मिले थे। कांग्रेस ने तब इस घटना को प्रदेश में व्याप्त दलित-विरोधी मानसिकता का परिणाम बताया था।
अब उसी पीड़ित परिवार के बचे सदस्य, विष्णु अहिरवार पर भी जानलेवा हमला हुआ है। जानकारी के अनुसार, जब विष्णु अपने घर लौट रहे थे, तभी दो बाइक सवार युवकों ने उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विष्णु का कहना है कि उन पर लंबे समय से केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने बताया, "मुझे लगातार धमकियां मिल रही थीं कि अगर मैंने केस नहीं छोड़ा, तो मेरा भी वही अंजाम होगा जो अंजना और मेरे परिवार का हुआ था। आज मुझ पर भी जानलेवा हमला कर मुझे मारने की कोशिश की गई है।"
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस मामले में FIR देर से दर्ज की है। विष्णु और उनकी मां ने आरोप लगाया है कि पुलिस जानबूझकर मामले को दबा रही है।
इस मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भाजपा सरकार में दलितों और आदिवासियों के खून की कोई कीमत नहीं। सागर में पहले एक ही दलित परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी गई और अब विष्णु अहिरवार पर जानलेवा हमला हो गया। पुलिस FIR तक दर्ज करने को तैयार नहीं है, क्योंकि आरोपियों का संबंध भाजपा एवं पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह से है।”
कांग्रेस ने भी इस हमले को लेकर राज्य सरकार पर कड़ा हमला किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसे प्रदेश के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा कि सागर में दलित परिवार के साथ जो कुछ हुआ, वह समाज और शासन दोनों पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंजना की हत्या के बाद भी पीड़ित परिवार को सुरक्षा नहीं दी गई, जो यह स्पष्ट करता है कि सरकार आरोपियों को संरक्षण दे रही है।
दलित संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है। द मूकनायक से बातचीत में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्तेय ने कहा, “यह कोई सामान्य हमला नहीं है, बल्कि न्याय की लड़ाई लड़ रहे एक दलित युवक को डराने की कोशिश है। यह हमला बताता है कि प्रदेश में दलितों की सुरक्षा पूरी तरह खतरे में है।”
Related

मध्य प्रदेश के सागर जिले में दलित परिवार पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। साल 2019 में 15 वर्षीय दलित किशोरी अंजना अहिरवार के साथ कथित छेड़छाड़ और इसके बाद नितिन व राजेंद्र की हत्या के मामले ने पहले ही प्रदेश को झकझोर दिया था। अब उसी परिवार के एकमात्र बचे सदस्य, विष्णु अहिरवार, पर जानलेवा हमला किया गया है। विष्णु का आरोप है कि उन पर लगातार केस वापस लेने का दबाव डाला जा रहा था और जब उन्होंने इनकार किया तो उन पर हमला कर दिया गया।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में खुरई तहसील के बरोदिया नोनागिर गाँव में 15 साल की अंजना के साथ कथित छेड़छाड़ की गई थी। परिजनों ने ऊंची जाति के कुछ युवकों पर आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस ने उस समय मारपीट की FIR दर्ज की थी। परिवार का आरोप था कि आरोपी सत्ताधारी दल भाजपा से जुड़े हुए हैं, इसलिए मामला कमजोर किया गया।
इसके बाद परिवार पर लगातार केस वापस लेने का दबाव बनाया गया। अंजना की मां ने कई बार पुलिस और प्रशासन को शिकायत दी, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। इसी बीच, अगस्त 2023 में इस परिवार पर फिर हमला हुआ और अंजना के भाई नितिन की हत्या कर दी गई।
कुछ ही महीनों बाद, नितिन की हत्या के चश्मदीद गवाह चाचा राजेंद्र अहिरवार की मौत हो गई। इसके बाद अंजना की भी एम्बुलेंस से कूदने की घटना में संदिग्ध हालात में मृत्यु हो गई। अब उस दलित परिवार में केवल अंजना की मां, पिता और बड़ा भाई विष्णु ही बचे हैं।
इस भयावह घटना ने पहले भी पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। उस दौरान दलित संगठनों के साथ-साथ विपक्षी पार्टियों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात की थी, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और अन्य कांग्रेस नेता सागर पहुंचकर परिवार से मिले थे। कांग्रेस ने तब इस घटना को प्रदेश में व्याप्त दलित-विरोधी मानसिकता का परिणाम बताया था।
अब उसी पीड़ित परिवार के बचे सदस्य, विष्णु अहिरवार पर भी जानलेवा हमला हुआ है। जानकारी के अनुसार, जब विष्णु अपने घर लौट रहे थे, तभी दो बाइक सवार युवकों ने उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विष्णु का कहना है कि उन पर लंबे समय से केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने बताया, "मुझे लगातार धमकियां मिल रही थीं कि अगर मैंने केस नहीं छोड़ा, तो मेरा भी वही अंजाम होगा जो अंजना और मेरे परिवार का हुआ था। आज मुझ पर भी जानलेवा हमला कर मुझे मारने की कोशिश की गई है।"
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस मामले में FIR देर से दर्ज की है। विष्णु और उनकी मां ने आरोप लगाया है कि पुलिस जानबूझकर मामले को दबा रही है।
इस मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “भाजपा सरकार में दलितों और आदिवासियों के खून की कोई कीमत नहीं। सागर में पहले एक ही दलित परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर दी गई और अब विष्णु अहिरवार पर जानलेवा हमला हो गया। पुलिस FIR तक दर्ज करने को तैयार नहीं है, क्योंकि आरोपियों का संबंध भाजपा एवं पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह से है।”
कांग्रेस ने भी इस हमले को लेकर राज्य सरकार पर कड़ा हमला किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसे प्रदेश के लिए शर्मनाक बताते हुए कहा कि सागर में दलित परिवार के साथ जो कुछ हुआ, वह समाज और शासन दोनों पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंजना की हत्या के बाद भी पीड़ित परिवार को सुरक्षा नहीं दी गई, जो यह स्पष्ट करता है कि सरकार आरोपियों को संरक्षण दे रही है।
दलित संगठनों ने भी इस घटना की निंदा की है। द मूकनायक से बातचीत में भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्तेय ने कहा, “यह कोई सामान्य हमला नहीं है, बल्कि न्याय की लड़ाई लड़ रहे एक दलित युवक को डराने की कोशिश है। यह हमला बताता है कि प्रदेश में दलितों की सुरक्षा पूरी तरह खतरे में है।”
Related
मुंबई पुलिस ने साईबाबा के सम्मान में आयोजित सभा में शामिल हुए टीआईएसएस के छात्रों को हिरासत में लिया
बड़े-बड़े दावों के बावजूद बिहार में दलितों की उपेक्षा जारी: रिपोर्ट