गाय ने कहा- तुम मेरे नाम पर दंगे करते हो, मोब लिंचिंग करते हो। कभी टूटी सड़क के लिए लड़ा क्या ?

Written by Mithun Prajapati | Published on: August 2, 2018
बुलेट पर लड़की लड़के से सटकर बैठी थी और बुलेट एक समान गति से सड़क को चीरती चली जा रही थी। अचानक चौराहे पर ब्रेक लगा। लड़के ने दीवार का काम किया अन्यथा लड़की उस गाय पर जाकर गिरती जिसके कारण बुलेट को इतना इमरजेंसी ब्रेक लगा के रोकना पड़ा था। 

Cow
 
वह भारत की एक मध्यवर्गीय सड़क थी, इस बात का सबूत ये है कि  सड़क पर समतल भूमि कम और गड्ढे ज्यादा थे। समय करीब रात के आठ बज रहे होंगे लेकिन यदि बुलेट की लाइट न जल रही होती तो यह भेद कर पाना मुश्किल होता कि सामने गाय बैठी है या गड्ढा है। 
 
लड़की के बैठने के तरीके से पता चल रहा था कि यह प्रेमी जोड़ा है या फिर वह शादीशुदा जोड़ा है जिसने भारतीय रूढ़िवादी परंपरा को ठेंगा दिखा दिया है। उस सड़क के अगल-बगल कुछ दुकानें थीं जो शायद रात के आठ न बजे होते तो अबतक खुली होतीं। उन दुकानों के बंद होने का भरपूर फायदा इस प्रेमीयुगल/विवाहित जोड़े को मिला। मसलन किसी ने संस्कृति की दुहाई नहीं दी... किसी ने लड़की को बदचलन नहीं कहा ... किसी ने बगल में बैठे दुकान वाले से ये नहीं कहा कि देखो क्या माल जा रहा है।        
            
           अपनेआप को संभालते हुए लड़की ने पूछा- क्या हुआ !! इतना तगड़ा ब्रेक ???
लड़के ने जवाब दिया- आगे गाय आ गयी है। 
लड़की ने कहा- हॉर्न बजाओ, शायद उठकर चली जाए।
लड़के ने कहा- इतनी रात को हॉर्न बजाना उचित नहीं।
लडक़ी - फिर ??
"फिर क्या ?"
 
"बगल से निकाल लो!"
 
"बगल में गड्ढा है और कीचड़ भरा है।"
 
"फिर क्या किया जाए !!"
 
"रुको मैं गाड़ी के टायर से ठोकता हूँ शायद उठ जाए !"
 
"नहीं ऐसा मत करो, समय खराब चल रहा है। इसकी आड़ में कोई भी कुछ भी कर सकता है।"
 
" अच्छा मैं उतरकर बात करता हूँ गाय से , शायद वो हट जायें।"
 
"हां, ये ठीक रहेगा।"
      
लड़के ने गाड़ी डबल स्टैंड पर लगाई , उतरकर गाय के पास गया और विनम्रता से कहा- गौ माँ, यदी आप थोड़ा  सरक के बगल में बैठ जाएं तो हमको जाने का रास्ता मिल जाये।
 गाय, जो अबतक बैठी आराम से पागुर कर रही थी  अपने काम मे खलल पड़ते देख तुनककर बोली- बगल से निकल जाओ , अभी मेरा उठने का प्लान नही है। मैंने अभी अभी भरपूर मात्रा में टमाटर खाया है और मुझे आराम की सख्त जरूरत है।
 
टमाटर !!  लड़के ने आश्चर्यजनक रूप से गाय की तरफ ताकते हुए कहा जैसे गाय ने टमाटर नहीं सोने का हार खा लिया हो।
 
"लेकिन माँ टमाटर तो बहुत महंगा है, इतनी भरपूर मात्रा में आपको कहाँ मिल गया खाने के लिए ?"
 
" महंगा होगा तुम्हारे लिए, हम तो अभी एक ठेलिये पर मुंह मारकर आ रहे हैं..  लाल लाल रसीले टमाटर थे ... वाह मजा आ गया।"
 
"लेकिन माँ, वह किसी गरीब ठेलिये वाले का टमाटर था उसकी तो कई दिन की कमाई आपने खा ली !!"
 
" इतना सोचने भर का दिमाग नहीं है मेरे पास... और ये क्या माँ-माँ लगा रखा है !! मेरा कोई बेटा या बेटी नहीं है...मैंने अपने बुढ़ापे की उम्र तक महज एक ही बछड़ा जना था। जबतक मैं दूध देती रही तबतक तो मेरे पास था जैसे ही मैंने दूध देना छोड़ दिया मेरे मालिक ने मेरे बछड़े को कसाई के हाथो बेच दिया।"
 
"ओह !! यह तो बहुत गलत हुआ। लेकिन अब आप बगल हो जाइए , अब मुझे जाने दीजिए, रात बहुत हो गयी है। मेरे साथ मे एक महिला भी है। और आप तो जानती हैं इस समाज में महिलाएं दिन में भी सुरक्षित नहीं फिर ये तो रात है।"
 
" मैं नहीं हटने वाली। तुम बगल से निकल जाओ। अभी मुझे आराम करना है। वैसे भी शहर में कहीं सूखी जगह है नही जहां मैं बैठ सकूं। यहां मुझे सुकून है। अभी मेरा मालिक आता ही होगा जो मुझे ऐसी जगह बांध देगा जहां थन तक कीचड़ है और रातभर मच्छर काटेंगे। कहने को तो मेरा मालिक गौरक्षक है लेकिन सबसे ज्यादा शोषण वही करता है। अब मैं बूढ़ी हो गयी हूँ और बच्चे भी नहीं जन सकती, वह मुझे सर का बोझ ,मुसीबत पता नहीं क्या-क्या कहते रहता है। ठीक ढंग से खाना भी नहीं देता और मारता अलग से है। दिन में छोड़ देता है और मैं बाजार में भटकती रहती हूँ। कहने को तो सब मेरे भक्त हैं पर जिसकी दुकान के सामने खड़ी हो जाती हूँ डंडा लेकर भगाने लगता है।"
 
"वो सब मैं समझ सकता हूँ पर इस समय मुझे देर हो रही और  बगल में कीचड़ है। मैं कैसे निकल सकता हूँ बगल से ? मेरे साथ महिला भी है। बगल से निकलने में मुश्किल होगी। और अब आप घर चले जाइये नहीं तो म्युनिसिपल कॉर्पोरशन वाले आपको उठा ले जाएंगे।"
 
"गाय ने व्यंग भरी मुस्कान में कहा-  यहां कोई म्युनिसिपल कॉर्पोरशन नहीं है। और इंडियन पैनल कोड में कहाँ लिखा है कि गाय सड़क पर नही बैठ सकती ? और तुम मनुष्य कभी धर्म के नाम पर कभी मेरे नाम पर दंगे फसाद करते रहते हो, कभी मेरे नाम पर निर्दोष लोगों की मोब लिंचिंग करते हो, कभी टूटी सड़क के लिए लड़ा क्या !!"
 
लड़का गाय की तर्कपूर्ण बातों के आगे किंकर्तव्यविमूढ़ था। उसे कुछ सूझ नहीं रहा था तबतक देखा कि  गाय उठकर जाने लगी है। लड़के ने पूछा क्या हुआ ?
गाय ने भागते हुए कहा - मेरा मालिक पीछे डंडा लेकर आ रहा है। मैं चलती हूँ नही तो वह मुझे पीटते हुए लेकर जाएगा।
 
रास्ता खाली हो चुका था। बुलेट आगे बढ़ गयी। वे दोनों  गाय की तर्कपूर्ण बातों पर विमर्श करते  हुए आगे बढ़ गए।

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