सूरत के गरबा कार्यक्रम में ढोल बजाने वाले मुस्लिम परफॉर्मर पर विवाद, आयोजकों ने मांगी माफी

Written by sabrang india | Published on: September 24, 2025
कार्यक्रम आयोजकों द्वारा माफी मांगने और यह आश्वासन देने के बाद कि वे अगले साल इस कार्यक्रम के लिए मुस्लिम म्यूज़िशियनों को नहीं बुलाएंगे, तभी तीनों ढोल वादकों को प्रस्तुति जारी रखने की अनुमति दी गई।


 साभार : इंडियन एक्सप्रेस

सूरत में एक नवरात्रि गरबा कार्यक्रम लगभग एक घंटे तक उस समय रोकना पड़ा, जब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के सदस्यों के एक समूह ने कथित तौर पर मुंबई के एक म्यूज़िकल बैंड के तीन मुस्लिम ढोल वादकों की मौजूदगी पर आपत्ति जताते हुए कार्यक्रम स्थल में प्रवेश किया। यह दूसरी बार है जब दक्षिणपंथी समूहों ने सूरत में स्वर्ण नवरात्रि कार्यक्रम को मुस्लिम म्यूज़िशियनों की मौजूदगी के कारण निशाना बनाया है।

बाद में, कार्यक्रम आयोजकों ने माफी मांगी और यह आश्वासन दिया कि अगले साल से मुस्लिम म्यूज़िशियनों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। इसके बाद ही ढोल वादकों को मंच पर वापस जाने और प्रस्तुति जारी रखने की इजाजत दी गई।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना सोमवार रात सूरत शहर के वेसु इलाके में एक खुले मैदान में आयोजित स्वर्ण नवरात्रि कार्यक्रम के दौरान हुई, जिसे धवल मुंजानी और प्रिंस पटेल ने आयोजित किया था।

बजरंग दल और वीएचपी के सैकड़ों स्वयंसेवक और नेता स्थल पर पहुंचे, जिससे पुलिस को मौके पर तैनात होना पड़ा। दक्षिणपंथी नेता पंडाल में घुस गए और मंच पर पहुंचकर आयोजकों से मुस्लिम ढोल वादकों की मौजूदगी पर आपत्ति जताई, जिसे आयोजकों ने स्वीकार किया। इसके चलते दोनों पक्षों में गरमागरम बहस हुई। अंततः आयोजकों ने माफी मांग ली और आश्वासन दिया कि भविष्य में मुस्लिम कलाकारों को इस तरह के आयोजनों में शामिल नहीं किया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ढोल वादकों ने भी माफी मांगते हुए आश्वासन दिया कि वे अगले साल कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। बाद में, दक्षिणपंथी नेता स्थल से चले गए। इस माफीनामे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया गया।

आयोजक धवल मुंजानी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "हम एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी हैं और साल भर सूरत में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करते हैं। मुंबई के एक म्यूज़िकल बैंड के साथ हमारा वार्षिक अनुबंध है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों कलाकार शामिल हैं। पिछले कई वर्षों से हम नवरात्रि कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।"

मुंजानी ने आगे कहा, "पिछले दो वर्षों से यही कलाकार सूरत में प्रस्तुति दे रहे हैं। लेकिन जब दक्षिणपंथी नेताओं ने मुस्लिम ढोल वादकों की मौजूदगी पर आपत्ति जताई, तो हमने माफी मांगी और आश्वासन दिया कि अगले साल नवरात्रि कार्यक्रमों में कोई भी मुस्लिम कलाकार आमंत्रित नहीं किया जाएगा।"

सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने कहा, "जब दक्षिणपंथी नेता स्थल पर पहुंचे, उस समय पुलिस की टीम मौजूद थी। नेताओं और आयोजकों के बीच बातचीत शांतिपूर्ण रही, जिसके बाद मामला सुलझा और कार्यक्रम पुनः शुरू हो गया। किसी प्रकार की मारपीट या दुर्व्यवहार नहीं हुआ और न ही कोई शिकायत दर्ज कराई गई है।"

उन्होंने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि सूरत में नवरात्रि कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हों। पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऐसे शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखें जो कार्यक्रमों में खलल डालना चाहते हैं।"

इस बीच, बजरंग दल के दक्षिण गुजरात प्रांत प्रचारक नीलेश अकबरी ने कहा, "पिछले साल भी लगभग 10 कलाकारों ने प्रस्तुति दी थी, जिनमें मुस्लिम शामिल थे। तब हमने इसे पहली गलती मानकर उन्हें अनुमति दी थी। इस साल भी सूचना मिली कि आयोजकों ने मुंबई से मुस्लिम ढोल वादकों को बुलाया है। हम वहां पहुंचे और पुलिस की मौजूदगी में आयोजकों ने माफी मांगी तथा आश्वासन दिया कि आगे से ऐसा नहीं होगा।"

उन्होंने आगे कहा, "आयोजकों की माफी और हमारे चेतावनी के बाद ही मुस्लिम ढोल वादकों को मंच पर प्रस्तुति जारी रखने की अनुमति दी गई। साथ ही यह भी सख्त निर्देश दिया गया है कि नवरात्रि कार्यक्रमों में मुसलमानों को वादक या बाउंसर के रूप में भी शामिल न किया जाए।"

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