सिविल सोसायटी संगठनों की मांगः मतदाताओं के गायब नाम बहाल करने के लिए हों वार्ड सभाएं’

Written by Sabrangindia Staff | Published on: September 18, 2018
मतदाता सूचियों में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए विभिन्न सिविल सोसायटी संगठनों ने निर्वाचन आयोग से वार्ड सभाएं आयोजित कराने की मांग की ताकि इन सूचियों से गायब वैध मतदाताओं को बहाल किया जा सके।    


पीयूसीएल की सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने यहां कहा कि केवल जयपुर में हवा महल विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूचियों के विश्लेषण से ही चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसके अनुसार इस विधानसभा में कुल 41,826 परिवारों में से लगभग 14,356 (34.2 प्रतिशत) एक सदस्य वाले परिवार हैं, लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार एक सदस्यीय परिवारों की संख्या केवल 2.77 प्रतिशत ही थी।    

सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा राय ने कहा कि इसी तरह का विश्लेषण कर्नाटक में किया गया था, जिसके बाद 15 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम बहाल किए गए और इसको देखते हुए कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों को अंतिम रूप देने की समयसीमा तीन सप्ताह बढ़ा दी गयी थी।    

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग से हमारी मांग है कि राज्य में तत्काल वार्ड सभाएं करवाई जाएं ताकि यह सुनिश्चित हो कि सभी गायब मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल हों।    

गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले 15 लाख मतदाताओं के नाम बहाल किए जाने के बाद निर्वाचन आयोग को अन्य राज्यों में ऐसी पहल खुद-ब-खुद करनी चाहिए।    

मेवानी ने दावा किया कि राजस्थान के लगभग 50 लाख वैध मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों से गायब हैं।    

सामाजिक कार्यकता एवं सच्चर समिति के सदस्य रहे अबू सालेह शरीफ ने बताया कि उनके अध्ययन में कर्नाटक में मतदाता सूचियों से लगभग 66 लाख मतदाताओं के नाम गायब होने की बात उजागर होने के बाद निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में 15 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम जोड़े।

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