छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के परिवार उतरे सड़क पर

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: June 19, 2018
छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के परिवार अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। इस आंदोलन से सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस स्थिति से निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई है। पुलिसकर्मी अपने लिए बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर आंदोलन पर उतरे हैं।

Chhattisgarh
Image Courtesy: Dainik Bhaskar

सभी जिला मुख्यालयों में इन प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाले और ज्ञापन दिए।

पुलिस वालों के परिवारों का कहना है कि बीस साल की नौकरी के बाद भी उन्हें केवल 20 हजार रुपए तनख्वाह मिलती है और रहने के लिए मकान और कोई अन्य सुविधाएं भी नहीं मिलतीं।

जान-जोखिम में डालकर देशसेवा करने के बदले उन्हें वे सामान्य सुविधाएं भी नहीं दी जा रहीं जो अन्य विभागों के कर्मचारियों को मिलती हैं।

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार पुलिसकर्मियों के परिवार के लोग 25 जून को राजधानी रायपुर में बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं। इसके लिए वो बूढ़ा तालाब के पास धरना देंगे। पुलिसकर्मियों के परिवारों ने वेतनवृद्धि, मकान की सुविधा जैसी 11 सूत्रीय मांगें तैयार की हैं।

आंदोलन से घबराए गृह विभाग ने कोई रास्ता निकालने की कवायद शुरू की है। रमन सिंह ने आपात बैटक बुलाकर चर्चा शुरू की है जिसमें कई मंत्री और विभागों के बड़े अधिकारी शामिल हुए।

पुलिस वालों की प्रमुख मांगों में तृतीय वर्ग के पुलिसकर्मियों के वेतन और भत्ते केंद्र के तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के समान करने की मांग शामिल है। इसके अलावा उनके लिए मकान की व्यवस्था भी ये लोग चाहते हैं।

पुलिसकर्मियों की मांग ये भी है कि ड्यूटी के दौरान मरने वाले पुलिसकर्मी को शहीद का दर्जा देते हुए 1 करोड़ रुपए की सहायता राशि और परिवार के 1 सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

साथ ही तृतीय वर्ग पुलिस कर्मचारियों के परिवार के मुफ्त इलाज की व्यवस्था की जाए।

पुलिस वालों के परिवारों ने नक्सल प्रभावित जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक बुलेटप्रूफ जैकेट और अत्याधुनिक हथियार देने की भी मांग की है।
 
 

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