छत्तीसगढ़ में जमीन से कोयला निकालने के लालच में एक पूरे गांव को ही खदान बना दिया गया और पूरा गांव का गांव हटा दिया गया।
विधानसभा चुनाव वाले इस राज्य में ये तथ्य भी सामने आया है कि कोरबा के बहनपाठ गांव से सारे लोगों को हटा दिया गया और अब उनके नाम मतदाता सूची से भी गायब करके उन्हें पूरी तरह से अस्तित्वहीन कर दिया गया है।
बहनपाठ गांव कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में आता है। जब ये बात सामने आई कि इस गांव की जमीन में कोयला है तो प्रशासन ने गांव खाली करा लिया। पूरे गांव में मुश्किल से 8 से 10 परिवार ही रह गए हैं। जिसको जहां जगह मिली वहां चला गया या शहरों में जाकर मजदूरी करने लगे। एसईसीएल ने किसी
को भी गांव में नहीं रहने दिया और पूरा गांव खदान बना दिया गया।
इस गांव के लोगों ने या तो आस-पास अपना घर बना लिए हैं या किसी रिश्तेदार के यहां रहने लगे हैं। अब इनके नाम मतदाता सूची से भी हटा दिए गए हैं, इसलिए अब किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए भी ये महत्वहीन हो गए हैं।
पत्रिका में प्रकाशित राजकुमार शाह की रिपोर्ट के अनुसार एसईसीएल ने पूरे गांव को बिना पुनर्वास किए जमीन से बेदखल कर दिया है और ये लोग मूल निवासी होते हुए भई बेघर और शरणार्थी बना दिए गए हैं।
मतदाता सूची से इस गांव के लोगों के नाम हटा दिए जाने का कारण ये है कि ये लोग दिए गए पते पर नहीं रहते और जो इनका पता था, वहां से इनको एसईसीएल ने हटा दिया है।
विधानसभा चुनाव वाले इस राज्य में ये तथ्य भी सामने आया है कि कोरबा के बहनपाठ गांव से सारे लोगों को हटा दिया गया और अब उनके नाम मतदाता सूची से भी गायब करके उन्हें पूरी तरह से अस्तित्वहीन कर दिया गया है।
बहनपाठ गांव कटघोरा विधानसभा क्षेत्र में आता है। जब ये बात सामने आई कि इस गांव की जमीन में कोयला है तो प्रशासन ने गांव खाली करा लिया। पूरे गांव में मुश्किल से 8 से 10 परिवार ही रह गए हैं। जिसको जहां जगह मिली वहां चला गया या शहरों में जाकर मजदूरी करने लगे। एसईसीएल ने किसी
को भी गांव में नहीं रहने दिया और पूरा गांव खदान बना दिया गया।
इस गांव के लोगों ने या तो आस-पास अपना घर बना लिए हैं या किसी रिश्तेदार के यहां रहने लगे हैं। अब इनके नाम मतदाता सूची से भी हटा दिए गए हैं, इसलिए अब किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए भी ये महत्वहीन हो गए हैं।
पत्रिका में प्रकाशित राजकुमार शाह की रिपोर्ट के अनुसार एसईसीएल ने पूरे गांव को बिना पुनर्वास किए जमीन से बेदखल कर दिया है और ये लोग मूल निवासी होते हुए भई बेघर और शरणार्थी बना दिए गए हैं।
मतदाता सूची से इस गांव के लोगों के नाम हटा दिए जाने का कारण ये है कि ये लोग दिए गए पते पर नहीं रहते और जो इनका पता था, वहां से इनको एसईसीएल ने हटा दिया है।