भदोही। लोकसभा चुनाव 2019 प्रचार के दौरान राजनेता अपने जहरीले भाषणों से चर्चाओं में हैं। हाल के समय में भदोही से बीजेपी प्रत्याशी रमेश बिन्द का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में रमेश बिन्द ने एक बिन्द पर हाथ उठाने पर सौ ब्राह्मणों को सज़ा देने की बात कही है।
मिर्ज़ापुर में एक कार्यक्रम के दौरान बिन्द ने कहा कि अगर उनकी बिरादरी के किसी व्यक्ति पर एक ब्राह्मण ने हाथ उठाया तो वह “जनेऊ पहने हो या नाहीं” पूछकर कई ब्राह्मणों को इसकी सजा देंगे। सोशल मीडिया पर वायरल विडियो में बिन्द ने उनकी बिरादरी के किसी व्यक्ति के पुलिस द्वारा पिटाई होने पर पुलिस थाना फूंकने की भी बात कही है।
आपको बता दें कि रमेश बिन्द ने पहले बसपा का दामन थाम रखा था। मिर्ज़ापुर की मझवा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। इस बार भी वह इसी सीट से तैयारियों में जुटे हुए थे लेकिन गठबंधन के बाद यह सीट सपा के खाते में चले जाने से उनकी दावेदारी धराशाही हो गई। जिसका विरोध करने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से 20 मार्च को निकाल दिया था। इसके बाद 29 मार्च को रमेश बिन्द बीजेपी के कमल पर सवार हो गए।
बीजेपी से रमेश बिन्द को टिकट दिये जाने पर पार्टी के निर्णय की आलोचना हुई थी। उनपर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा था, तब उन्होंने उनके द्वारा किसी भी ब्राह्मण पर अत्याचार किये जाने के सबूत देने पर राजनीति से सन्यास लेने की बात कही थी। ऐसे में सोशल मीडिया में यह वायरल विडियो उनकी समस्या बढ़ा सकता है।
वीडियो वायरल होने के बाद रमेश बिन्द ने अपना एक और वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने वायरल वीडियो को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि वह 20 साल से समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्हें वायरल वीडियो के बारे में पता चला है जिसमें उन्हें ब्राह्मण विरोधी बताया गया है, पर विडियो में उनकी आवाज़ नहीं है।
विडियो को विरोधी पार्टी का षडयंत्र बताते हुए कहा कि यह उनका एवं उनके शीर्ष नेता नरेंद्र मोदी का अपमान है, वो इसपर मानहानि का दावा करेंगे। साथ ही कहा कि ब्राह्मणों का आशीर्वाद सदैव उनके साथ था और रहेगा।
मिर्ज़ापुर में एक कार्यक्रम के दौरान बिन्द ने कहा कि अगर उनकी बिरादरी के किसी व्यक्ति पर एक ब्राह्मण ने हाथ उठाया तो वह “जनेऊ पहने हो या नाहीं” पूछकर कई ब्राह्मणों को इसकी सजा देंगे। सोशल मीडिया पर वायरल विडियो में बिन्द ने उनकी बिरादरी के किसी व्यक्ति के पुलिस द्वारा पिटाई होने पर पुलिस थाना फूंकने की भी बात कही है।
आपको बता दें कि रमेश बिन्द ने पहले बसपा का दामन थाम रखा था। मिर्ज़ापुर की मझवा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। इस बार भी वह इसी सीट से तैयारियों में जुटे हुए थे लेकिन गठबंधन के बाद यह सीट सपा के खाते में चले जाने से उनकी दावेदारी धराशाही हो गई। जिसका विरोध करने पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से 20 मार्च को निकाल दिया था। इसके बाद 29 मार्च को रमेश बिन्द बीजेपी के कमल पर सवार हो गए।
बीजेपी से रमेश बिन्द को टिकट दिये जाने पर पार्टी के निर्णय की आलोचना हुई थी। उनपर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा था, तब उन्होंने उनके द्वारा किसी भी ब्राह्मण पर अत्याचार किये जाने के सबूत देने पर राजनीति से सन्यास लेने की बात कही थी। ऐसे में सोशल मीडिया में यह वायरल विडियो उनकी समस्या बढ़ा सकता है।
वीडियो वायरल होने के बाद रमेश बिन्द ने अपना एक और वीडियो जारी किया। इसमें उन्होंने वायरल वीडियो को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि वह 20 साल से समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्हें वायरल वीडियो के बारे में पता चला है जिसमें उन्हें ब्राह्मण विरोधी बताया गया है, पर विडियो में उनकी आवाज़ नहीं है।
विडियो को विरोधी पार्टी का षडयंत्र बताते हुए कहा कि यह उनका एवं उनके शीर्ष नेता नरेंद्र मोदी का अपमान है, वो इसपर मानहानि का दावा करेंगे। साथ ही कहा कि ब्राह्मणों का आशीर्वाद सदैव उनके साथ था और रहेगा।