कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा में प्रस्ताव पास, BJP विधायक ने भी किया समर्थन

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 1, 2021
तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा ने गुरुवार को सर्वसम्मति से केंद्र के तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। 140 सदस्यीय विधानसभा के एकमात्र बीजेपी सदस्य ने भी केंद्र के खिलाफ लाए प्रस्ताव का ‘इसे लोकतांत्रिक भावना करार’ देते हुए समर्थन किया। सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) और कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के सदस्यों ने समर्थन किया।



प्रस्ताव में कहा गया है कि ये तीनों कानून ‘किसान विरोधी’ और ‘ उद्योगपतियों के हित’ में हैं, जो कृषि समुदाय को गंभीर संकट में धकेलेंगे। हालांकि, विधानसभा में बीजेपी के एकमात्र सदस्य ओ राजगोपाल ने प्रस्ताव में शामिल कुछ संदर्भों पर आपत्ति दर्ज की। जिसे कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखते हुए दो घंटे के विशेष सत्र में पेश किया गया था।

प्रस्ताव को पेश करते हुए मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने आरोप लगाया कि केंद्र के कानूनों में संशोधन उद्योगपतियों की मदद के लिए किया गया है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र द्वारा इन तीन कानूनों को संसद में ऐसे समय में पेश कर पारित कराया गया जब कृषि क्षेत्र गहरे संकट के दौर से गुजर रहा है।’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इन तीन विवादित कानूनों को संसद की स्थाई समिति को भेजे बिना पारित कराया गया। अगर यह प्रदर्शन जारी रहता है तो एक राज्य के तौर पर केरल को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।’ उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधारों को सावधानीपूर्वक सोच विचार कर लागू करना चाहिए।

विजयन ने कहा कि नए कानून से किसानों की मोल-तोल करने की क्षमता खत्म होगी और इसका फायदा उद्योगों को होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून में किसानों की रक्षा के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है और उनके पास इन उद्योगपतियों से कानूनी लड़ाई लड़ने की क्षमता नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि विरोध-प्रदर्शन का मुख्य कारण इस कानून की वजह से कृषि उत्पादों की कीमतों में आने वाली संभावित कमी है। उन्होंने कहा कि कृषि राज्य का विषय है और यह राज्यों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। ऐसे में केंद्र सरकार को अंतरराज्यीय समिति की बैठक बुलानी चाहिए और विस्तृत विचार-विमर्श करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इसलिए, केरल विधानसभा केंद्र से अनुरोध करती है कि वह किसानों द्वारा उठाई गई न्यायोचित मांगों को स्वीकार करे और तत्काल इन विवादित तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए कदम उठाए।’

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विधानसभा का यह विशेष सत्र 23 दिसंबर को विवादित कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए बुलाने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। लेकिन गत शुक्रवार को राज्य के विधि मंत्री एके बालन और कृषि मंत्री वीएस सुनील कुमार द्वारा राज्यपाल से मुलाकात के बाद 31 दिसंबर को विशेष सत्र आयोजित करने का फैसला हुआ।

बाकी ख़बरें