बिहार में कोविड घोटाला, तेजस्वी ने सीएम नीतीश को घेरा, राज्य सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 13, 2021
पटना। बिहार में COVID-19 टेस्टिंग के नाम पर फर्जीवाड़े के आरोप लग रहे हैं। बिहार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर सरकार पर आज निशाना साधा। तेजस्वी यादव ने कहा कि मीडिया ने COVID-19 टेस्ट को लेकर की जा रही कथित फर्जी इंट्रियों को उजागर किया है। आंकड़ों में हेरफेर करके फर्जीवाड़ा चल रहा था। इसी तरह से कई सालों में सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने इस "घोटाले" के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाबदेह ठहाराया है। 



मामला हाईलाइट होने के बाद बिहार सरकार ने कोरोना जांच फजीवाडा से संबंधित रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी है। यह बात ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार शाम दिल्ली से पटना लौटने के बाद कही। 

सीएम ने कहा कि जिस किसी ने थोड़ी सी भी गड़बड़ी की होगी, उसको छोड़ा नहीं जाएगा। नीतीश के अनुसार, प्रारंभिक जाँच के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा है कि एक जगह के बारे में उन लोगों को लगा कि कुछ गड़बड़ हैं। इस पर सीएम ने पूरी गंभीरता के साथ जांच के लिए कहा है। नीतीश के अनुसार, बिहार में अब तका कोराना जांच काफी अच्‍छी गति से हुई है। 10 लाख की आबादी पर जो बिहार का औसत जाँच हैं वो देश में सर्वाधिक हैं।

नीतीश के अनुसार, प्रधान सचिव ने उन्‍होंने जानकारी दी है कि 22 जिलों में पूरी जांच करवाई गई है। हर एक जगह को देखा गया हैं और उसके बारे में तत्काल कार्रवाई जा रही है। उन्‍होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तलब किए जाने पर पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है।आज संसद में राज्यसभा में एक सदस्य ने यह मामला उठाया था।

सीएम ने कहा, 'मेरे पास प्रतिदिन शाम की ज़िले की क्या स्थिति हैं, कितने लोग प्रभावित हैं, कितने लोग ठीक हो गए, इस बारे में जानकारी है। यह काम हम पहले दिन से कर रहे हैं। इसके बावजूद ऐसे किसी मामले के बारे में कि जांच नहीं की और और लिख दिया कि जाँच का रिजल्‍ट यह है, ये तो ग़लत बात है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी।

बता दें कि बिहार में कोरोना टेस्टिंग के नाम पर जो घोटाला हुआ है, उसके अभी तक दो तीन बिंदु बिल्कुल साफ हैं। एक तो यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डेटा की जो इंट्री हुई है, उसमें न तो मोबाइल नंबर और न ही पता मैच कर रहा है और बहुत सारे मोबाइल नंबर फर्जी साबित हुए हैं। कई लोगों से बात करने पर पता चला है कि उनकी जांच तो कभी हुई नहीं। सरकार इसके पीछे तीन कारण गिना रही है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि जांच के नाम पर 'एंटीजन घोटाला' हुआ है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ढाई महीने पहले विधानसभा में यह अंदेशा जताया था। 

बाकी ख़बरें