भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने LG को पत्र लिखकर मांगी हिंसा पीड़ित लोगों से मिलने की इजाजत

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 25, 2020
नई दिल्ली। भीम आर्मी के प्रमुख, चंद्रशेखर आज़ाद ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखा है। पत्र में आजाद ने सोमवार को हुई हिंसा में जलाए गए लोगों के घरों, भजनपुरा में मजार, अस्पतालों में जाने की अनुमति मांगी है। 



भीम आर्मी चीफ ने पत्र में लिखा है कि जैसा कि आप जानते हैं कि दिल्ली में महिलाओं द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से नागरिकता कानून के विरोध व SC/ST/OBC आरक्षण बचाने के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। 

चंद्रशेखर आजाद दिल्ली में शांति बनाए रखने की अपील लगातार ट्विटर के जरिए कर रहे हैं। उन्होंने बहुजन समाज को संबोधित करते हुए ट्वीट किया है, ''जातिवादी, सांप्रदायिक ताक़तों द्वारा नियोजित हिंसा को रोकने का ज़िम्मा बहुजनों का है। हमें शान्ति बनाकर रखनी है मैं हाथ जोड़कर अपील करता हूँ कि अल्पसंख्यकों पर होने वाले हर हमले को रोकें उनकी ढाल बनकर उनकी रक्षा करें। हाथ मिलाकर खड़े हों। नफ़रत फैलाने वाले हारेंगे। जीत हमारी होगी।''



भीम आर्मी चीफ ने इस हिंसा के लिए बीजेपी नेताओं की बद्जुबानी को कसूरवार ठहराया है जिसमें गद्दार व गोली मारो।।। जैसे बयान शामिल हैं। इसके साथ ही उऩ्होंने पुलिस के सामने ही तीन दिन का अल्टीमेटम देने वाले बीजेपी नेता कपिल मिश्रा को इस हिंसा का जिम्मेदार ठहराया है। भीम आर्मी चीफ ने इस हिंसा को बीजेपी-आरएसएस समर्थित करार देते हुए बहुजन समाज से शांति बनाने में योगदान देने की अपील की है। 



इसके अलावा चंद्रशेखर आजाद सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे हैं। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर की तरफ से पेश वकील महमूद प्राचा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस याचिका में दिल्ली पुलिस के अफसरों और हिंसा करने और भड़काने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। दिल्ली हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। कल सुनवाई हो सकती है। 

चंद्रशेखर आजाद ने इस हिंसा के लिए दिल्ली पुलिस को भी आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ''दिल्ली में हिंसा फैलाने के लिये भाजपा नेता तो ज़िम्मेदार हैं साथ ही दिल्ली पुलिस भी कम ज़िम्मेदार नही हैं। ये लोग नौकरी जनता की करते हैं,लेकिन काम BJP के लिये कर रहे हैं। संवैधानिक आंदोलनकारियों,निर्दोष लोगों पर लाठियां गोली चलाने वाली पुलिस उपद्रवियो के सामने खामोश क्यों हैं?''

 

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