भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि सरकार हमें सीबीआई और ईडी के जरिए नहीं डरा सकती। क्योंकि हम ईमानदार और सच्चे लोग हैं, इसलिए सरकार हमसे ज्यादा घबराती है।
चंद्रशेखर ने फेसबुक लाइव के जरिए बिजनौर, आगरा और बिहार में होने वाली भीम आर्मी की रैली में शामिल होने के लिए भी अपील की। उन्होने कहा कि 2 अप्रैल (भारत बंद) को बहुजनों का ऐसा इतिहास लिखा गया। बहुजनों ने देश के अंदर अपने अधिकारों के ऊपर पढ़ जो डाका पढ़ रहा था उसके खिलाफ संघर्ष किया। जिसमें 12-13 लोगों ने कुर्बानियां दी। वह कुर्बानियां व्यर्थ नहीं जाने दी जाएगी।
उन्होने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट उसमें दस बिंदू दिए गए थे। जिसमें से एक बिंदू यह भी था कि देश में मुस्लमानों की स्थिति अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से भी बदतर है। उनकी वह रिपोर्ट भी लागू होनी चाहिए।
भीम आर्मी के संस्थापक ने आगे कहा कि मान्यवर कांशीराम ने कहा था कि संगठित और शक्तिशाली समाज पर ना कोई अत्याचार कर सकता है और ना ही कोई उत्पीड़ित कर सकता है। इसलिए बहुजन समाज के लिए यह रैलियां हो रही हैं। संविधान की सुरक्षा तभी हो पाएगी जब संविधान के समर्थक लोग एकजुट हो जाएं। इसलिए मैं बहुजन समाज को एकजुट करने का प्रयास कर रहा हूं। राजनीति करने के लिए बहुत सारी राजनैतिक पार्टियां हैं, हम भीम आर्मी के माध्यम से बहुजन समाज की लड़ाई लड़ने की कोशिश कर रहा हूं जिससे यह बदलाव हो सके।
चंद्रशेखर ने कहा कि मान्यवर कांशीराम का सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति का जो सपना था। उन्होने कहा था कि राजनीति चले ना चले और सरकार बदले या न बदले लेकिन सामाजिक क्रांति नहीं रुकनी चाहिए। आज हम अगर सामाजिक क्रांति के लिए लड़ रहे हैं तो कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है। भीम आर्मी आपसे वादा करती है कि किसी भी रुप में सामाजिक क्रांति को नहीं रुकने दिया जाएगा। शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चंद्रशेखर ने फेसबुक लाइव के जरिए बिजनौर, आगरा और बिहार में होने वाली भीम आर्मी की रैली में शामिल होने के लिए भी अपील की। उन्होने कहा कि 2 अप्रैल (भारत बंद) को बहुजनों का ऐसा इतिहास लिखा गया। बहुजनों ने देश के अंदर अपने अधिकारों के ऊपर पढ़ जो डाका पढ़ रहा था उसके खिलाफ संघर्ष किया। जिसमें 12-13 लोगों ने कुर्बानियां दी। वह कुर्बानियां व्यर्थ नहीं जाने दी जाएगी।
उन्होने कहा कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट उसमें दस बिंदू दिए गए थे। जिसमें से एक बिंदू यह भी था कि देश में मुस्लमानों की स्थिति अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से भी बदतर है। उनकी वह रिपोर्ट भी लागू होनी चाहिए।
भीम आर्मी के संस्थापक ने आगे कहा कि मान्यवर कांशीराम ने कहा था कि संगठित और शक्तिशाली समाज पर ना कोई अत्याचार कर सकता है और ना ही कोई उत्पीड़ित कर सकता है। इसलिए बहुजन समाज के लिए यह रैलियां हो रही हैं। संविधान की सुरक्षा तभी हो पाएगी जब संविधान के समर्थक लोग एकजुट हो जाएं। इसलिए मैं बहुजन समाज को एकजुट करने का प्रयास कर रहा हूं। राजनीति करने के लिए बहुत सारी राजनैतिक पार्टियां हैं, हम भीम आर्मी के माध्यम से बहुजन समाज की लड़ाई लड़ने की कोशिश कर रहा हूं जिससे यह बदलाव हो सके।
चंद्रशेखर ने कहा कि मान्यवर कांशीराम का सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति का जो सपना था। उन्होने कहा था कि राजनीति चले ना चले और सरकार बदले या न बदले लेकिन सामाजिक क्रांति नहीं रुकनी चाहिए। आज हम अगर सामाजिक क्रांति के लिए लड़ रहे हैं तो कुछ लोगों को तकलीफ हो रही है। भीम आर्मी आपसे वादा करती है कि किसी भी रुप में सामाजिक क्रांति को नहीं रुकने दिया जाएगा। शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।