बंद नाकाम लेकिन भाजपा की बढ़ी मुश्किलें

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: September 7, 2018
सवर्णों के एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ भारत बंद की असफलता के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की मुसीबतें कम नहीं हुई हैं। खासकर मध्यप्रदेश में बंद समर्थक बाजार बंद तो नहीं करा पाए लेकिन भाजपा नेताओं के खिलाफ उनका गुस्सा जाहिर होता रहा।

Bharat bandh

भोपाल में करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बंगले का घेराव करने की कोशिश की। इंदौर में स्थानीय सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के घर के बाहर सुरक्षा बढ़ानी पड़ी।

ग्वालियर और कई अन्य जिलों में धारा 144 लगे होने के बावजूद बंद समर्थकों ने भाजपा नेताओं के मकानों के सामने प्रदर्शन किए। ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,प्रदेश की मंत्री माया सिंह,राज्य सभा सांसद प्रभात झा, और मंत्री यशोधराराजे सिंधिया के निवास सहित कांग्रेस कार्यालय के बाहर सपाक्स के कार्यकर्ता धिक्कार पत्र चिपकाने में सफल रहे।

छतरपुर में भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने आए प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया को सवर्ण समाज ने काले झंडे दिखाए। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी दफ़्तर के सामने प्रदर्शन कर सांसदों-विधायकों को काले झंडे दिखाए।

शिवपुरी के पोहरी में भाजपा और शिवराज के विरोध में नारे लगे। शिवपुरी के लुकवासा में बंद समर्थकों ने एक वर्ग विशेष के घरों पर पथराव किया हालांकि पुलिस ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया। विदिशा में विधायक कल्याण सिंह के घर का घेराव किया।

सवर्ण समुदाय की नाराजगी के डर से कई जगह भाजपा नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देना भी शुरू कर दिया। टीकमगढ़ की भाजपा महिला मोर्चा की मंडल उपाध्यक्ष रजनी नायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही  भाजपा युवा मोर्चा के चार सवर्ण पदाधिकारियों ने भी इस्तीफा दिया है जिसमें अभिषेक गंगेले, सचिन विदुआ, संकल्प विदुआ और संजय रावत शामिल हैं।

कटनी जनपद अध्यक्ष कन्हैया तिवारी ने महाबंद में शामिल होकर बीजेपी की सदस्यता त्याग दी। कन्हैया तिवारी ने कहा कि वे एससी-एसटी कानून के विरोध में पार्टी छोड़ रहे हैं। रीवा के मऊगंज से पूर्व विधायक और बीजेपी नेता लक्ष्मण तिवारी ने भी एससी एसटी एक्ट के विरोध में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे डाला।
 
 

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