राम नवमी के दिन जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्रावास में कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर हुई हिंसा के लगभग एक सप्ताह बाद हिंदू सेना ने यूनिवर्सिटी के मेनगेट पर ‘भगवा जेएनयू’ नाम से पोस्टर और झंडे लगा दिए।
Image- NBT
यूनिवर्सिटी कैंपस के आसपास कथित तौर पर कई पोस्टर्स भी लगाए, जिन पर ‘भगवा जेएनयू’ लिखा हुआ था। हालांकि, इन झंडों और पोस्टर्स को अब हटा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू सेना ने कथित तौर पर चेतावनी भी दी है कि यदि भगवा का अपमान किया गया, तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने कहा कि दक्षिणपंथी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने भगवा जेएनयू के पोस्टर लगाए।
वॉट्सऐप पर वायरल एक कथित वीडियो में गुप्ता को यह कहते सुना जा सकता है, ‘जेएनयू परिसर में भगवा का नियमित रूप से अपमान किया जा रहा है। हम ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हैं। आप सुधर जाइए। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम आपकी विचारधारा और हर धर्म का सम्मान करते हैं। भगवा का अपमान सहन नहीं किया जाएगा और हम कड़े कदम उठा सकते हैं।’
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीपी (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी। ने शुक्रवार को कहा कि इन झंडों को तुरंत हटा दिया गया। उन्होंने कहा, ‘आज यह हमारे संज्ञान में आया कि कुछ झंडे और बैनर जेएनयू के आसपास की सड़कों पर लगाए गए थे। इन्हें तुरंत हटा दिया गया और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।’
द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, बैनर हटाए जाने के बाद हिंदू सेना ने एक बयान में कहा कि पुलिस को झंडे उतारने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। संगठन ने कहा, ‘भगवा आतंकवाद का चिह्न नहीं है, जो पुलिस जल्दबाजी दिखा रही है। भगवा और हिंदुत्व की रक्षा करना कानून के तहत दिया गया अधिकार है।’
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय परिसर में कावेरी छात्रावास के भोजनालय में कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर रविवार को छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई थी। पुलिस का कहना है कि हिंसा में छह छात्र घायल हो गए थे। हालांकि, दोनों समूहों ने दावा किया कि दोनों पक्षों के 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने छात्रों को छात्रावास के भोजनालय में मांसाहारी भोजन करने से रोका और हिंसक माहौल पैदा किया, लेकिन एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि वामपंथी छात्रों ने रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम को बाधित किया।
इस हमले के बाद जेएनयू के छात्रों ने राइट टू फूड को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके अलावा जेएनयू शिक्षक संघ ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए निंदा की थी और कहा था कि इस तरह की गतिविधियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि बीते सप्ताह रामनवमी के बाद से देश भर से सांप्रदायिक झड़पों की खबरें आई हैं जो कि बहुत चिंताजनक है। इससे पहले दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष के मौके पर राजस्थान में बवाल हुआ था। राज्य के करौली में मुस्लिमों की दुकानों को जमींदोज कर दिया गया। इसका एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने मुआयना किया जिसमें मुस्लिमों को 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
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यूनिवर्सिटी कैंपस के आसपास कथित तौर पर कई पोस्टर्स भी लगाए, जिन पर ‘भगवा जेएनयू’ लिखा हुआ था। हालांकि, इन झंडों और पोस्टर्स को अब हटा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू सेना ने कथित तौर पर चेतावनी भी दी है कि यदि भगवा का अपमान किया गया, तो कड़े कदम उठाए जाएंगे। हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने कहा कि दक्षिणपंथी संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने भगवा जेएनयू के पोस्टर लगाए।
वॉट्सऐप पर वायरल एक कथित वीडियो में गुप्ता को यह कहते सुना जा सकता है, ‘जेएनयू परिसर में भगवा का नियमित रूप से अपमान किया जा रहा है। हम ऐसा करने वालों को चेतावनी देते हैं। आप सुधर जाइए। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हम आपकी विचारधारा और हर धर्म का सम्मान करते हैं। भगवा का अपमान सहन नहीं किया जाएगा और हम कड़े कदम उठा सकते हैं।’
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीपी (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी। ने शुक्रवार को कहा कि इन झंडों को तुरंत हटा दिया गया। उन्होंने कहा, ‘आज यह हमारे संज्ञान में आया कि कुछ झंडे और बैनर जेएनयू के आसपास की सड़कों पर लगाए गए थे। इन्हें तुरंत हटा दिया गया और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।’
द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, बैनर हटाए जाने के बाद हिंदू सेना ने एक बयान में कहा कि पुलिस को झंडे उतारने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। संगठन ने कहा, ‘भगवा आतंकवाद का चिह्न नहीं है, जो पुलिस जल्दबाजी दिखा रही है। भगवा और हिंदुत्व की रक्षा करना कानून के तहत दिया गया अधिकार है।’
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय परिसर में कावेरी छात्रावास के भोजनालय में कथित रूप से मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर रविवार को छात्रों के दो समूहों के बीच झड़प हुई थी। पुलिस का कहना है कि हिंसा में छह छात्र घायल हो गए थे। हालांकि, दोनों समूहों ने दावा किया कि दोनों पक्षों के 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के आरोप लगाया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने छात्रों को छात्रावास के भोजनालय में मांसाहारी भोजन करने से रोका और हिंसक माहौल पैदा किया, लेकिन एबीवीपी ने इन आरोपों को खारिज किया और आरोप लगाया कि वामपंथी छात्रों ने रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम को बाधित किया।
इस हमले के बाद जेएनयू के छात्रों ने राइट टू फूड को लेकर प्रदर्शन किया था। इसके अलावा जेएनयू शिक्षक संघ ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए निंदा की थी और कहा था कि इस तरह की गतिविधियों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि बीते सप्ताह रामनवमी के बाद से देश भर से सांप्रदायिक झड़पों की खबरें आई हैं जो कि बहुत चिंताजनक है। इससे पहले दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष के मौके पर राजस्थान में बवाल हुआ था। राज्य के करौली में मुस्लिमों की दुकानों को जमींदोज कर दिया गया। इसका एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने मुआयना किया जिसमें मुस्लिमों को 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
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