एआईएमआईएम (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, 'अगर पीएम मोदी इस बात से सहमत हैं कि अल्पसंख्यक डर में जीते हैं तो उन्हें उन लोगों के बारे में जानना चाहिए जिन्होंने अखलाक को मारा और वो चुनावी जनसभा में सबसे आगे बैठे थे। अगर पीएम सोचते हैं कि मुस्लिम डर में जीते हैं तो क्या वो उन गैंगों पर लगाम लगाएंगे जो गाय के नाम पर मुस्लिमों की हत्या करते हैं, पीटते हैं और फिर वीडियो बनाकर नीचा दिखाते हैं।'
ओवैसी ने कहा कि अगर मुस्लिम वास्तव में डर में जीता है तो क्या पीएम हमें बता सकते हैं कि 300 सांसदों में उनकी पार्टी के कितने मुस्लिम सांसद हैं जो लोकसभा के लिए चुने गए। यह पाखंड और अंतर्विरोध है जिसका पीएम मोदी और उनकी पार्टी पिछले 5 साल से प्रयोग कर रही है।
बता दें कि एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद अपने 75 मिनट के भाषण में मोदी ने अल्पसंख्यकों का भी विश्वास जीतने की जरूरत बताते हुए कहा था कि वोट-बैंक की राजनीति में भरोसा रखने वालों ने अल्पसंख्यकों को डर में जीने पर मजबूर किया, हमें इस छल को समाप्त कर सबको साथ लेकर चलना होगा।
पीएम मोदी ने कहा था, '2014 में मैंने कहा था, मेरी सरकार इस देश के दलित, पीड़ित, शोषित, आदिवासी को समर्पित है। मैं आज फिर से कहना चाहता हूं कि पांच साल उस मूलभूत बात से अपने आपको ओझल नहीं होने दिया। 2014 से 2019 हमने प्रमुख रूप से गरीबों के लिए चलाई है और आज मैं ये गर्व से कह सकता हूं कि ये सरकार गरीबों ने बनाई। गरीबों के साथ जो छल चल रहा था, उस छल में हमने छेद किया है और सीधे गरीब के पास पहुंचे हैं।'
ओवैसी ने कहा कि अगर मुस्लिम वास्तव में डर में जीता है तो क्या पीएम हमें बता सकते हैं कि 300 सांसदों में उनकी पार्टी के कितने मुस्लिम सांसद हैं जो लोकसभा के लिए चुने गए। यह पाखंड और अंतर्विरोध है जिसका पीएम मोदी और उनकी पार्टी पिछले 5 साल से प्रयोग कर रही है।
बता दें कि एनडीए संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद अपने 75 मिनट के भाषण में मोदी ने अल्पसंख्यकों का भी विश्वास जीतने की जरूरत बताते हुए कहा था कि वोट-बैंक की राजनीति में भरोसा रखने वालों ने अल्पसंख्यकों को डर में जीने पर मजबूर किया, हमें इस छल को समाप्त कर सबको साथ लेकर चलना होगा।
पीएम मोदी ने कहा था, '2014 में मैंने कहा था, मेरी सरकार इस देश के दलित, पीड़ित, शोषित, आदिवासी को समर्पित है। मैं आज फिर से कहना चाहता हूं कि पांच साल उस मूलभूत बात से अपने आपको ओझल नहीं होने दिया। 2014 से 2019 हमने प्रमुख रूप से गरीबों के लिए चलाई है और आज मैं ये गर्व से कह सकता हूं कि ये सरकार गरीबों ने बनाई। गरीबों के साथ जो छल चल रहा था, उस छल में हमने छेद किया है और सीधे गरीब के पास पहुंचे हैं।'