निजीकरण विरोधी दिवस: 1 लाख से अधिक जगह प्रदर्शन, UNHRC के लिए वीडियो संदेश

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 16, 2021
15 मार्च को, किसानों, ट्रेड यूनियनों और श्रमिकों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन और जमीनी स्तर की बैठकें कीं


 
किसानों और श्रमिकों ने भारत भर में एक लाख से अधिक स्थानों पर 15 मार्च 2021 को एंटी-कॉरपोरेटाइजेशन, ‘एंटी-प्राइवेटाइजेशन डे’ का पालन करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण का विरोध किया। ग्रामीण क्षेत्रों और उपनगरों के साथ-साथ कार्यालयों और रेलवे स्टेशनों के सामने किसान एकत्र हुए।
 
किसान नेताओं ने शहरों में सभाओं को संबोधित किया। दिल्ली में, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के सदस्यों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर रोष जताया। ट्रेड यूनियन नेताओं और किसानों ने समान रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संसाधन, स्वच्छता और मनरेगा के घटते बजट के बारे में बात की, जबकि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें जीवन के सभी पहलुओं को छूने वाली सभी आवश्यक वस्तुओं की लागत को प्रभावित करती हैं। बाद में, भारत भर के प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए जिला कलेक्टरों और उप-जिला मजिस्ट्रेटों को ज्ञापन सौंपा।
 
इस बीच, SKM नेता दर्शन पाल ने सोमवार को एक वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के छत्तीसवें सत्र को संबोधित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों से ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे किसानों और अन्य लोगों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के घोषणा-पत्र का ‘उल्लंघन’ हुआ है, जिस पर भारत ने भी हस्ताक्षर कर रखे हैं।  
 
सुनेहरा-जुरहरा बॉर्डर पर किसानों ने महापंचायत में दिवंगत राजा हसन खान मेवाती के शहादत दिवस के बारे में बात की। पास के मेवात जिले से आए प्रतिभागियों ने आंदोलन में अपनी निरंतर भागीदारी का संकल्प लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएँ उपस्थित थीं। यह कार्यक्रम बाबर के साथ लड़ाई के दौरान मारे गए लोगों के बलिदान के सम्मान में आयोजित किया गया।
 
इसी तरह हरियाणा के जाखल जिले में महापंचायतें की गईं। उत्तराखंड में शुरू हुई किसान मजदूर जागृति यात्रा उत्तर प्रदेश के पलिया शहर से निकली। कर्नाटक में, बसवाकल्याण से बल्लारी तक शुरू हुई पदयात्रा समितियों ने विभिन्न गांवों में बैठकें कीं।

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