नागरिकता पूछे जाने पर दुखी अक्षय कुमार के नाम खुला पत्र...

Written by संजय कुमार सिंह | Published on: May 4, 2019
चुनावी सीजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्ममुग्धता से भरपूर अराजनैतिक इंटरव्यू लेकर सुर्खियों में आए फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की नागरिकता पर बवाल छिड़ गया है। अक्षय कुमार ने दुख जताते हुए कहा है कि वे इस बात से आहत हैं कि उनकी देशभक्ति को लेकर संदेह किया जाता है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया है कि उनके पास भारत नहीं बल्कि कनाडा की नागरिकता है। अक्षय कुमार के दुख और बहुसंख्यकों द्वारा अल्पसंख्यकों से लगभग रोजाना दागे जाने वाले सवालों को लेकर वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह ने खिलाड़ी के नाम एक खुला पत्र लिखा है जो इस प्रकार है....

प्रिय अक्षय ‘खिलाड़ी’ कुमार 
मैं आपके दर्द और दुख को समझ सकता हूँ । हम सभी, जिन्हें भारत के लिए अपना प्यार साबित करने के लिए कहा जाता है, आपका दर्द महसूस करते हैं। आप से अलग, हमलोगों ने भारतीय होना चुना है। क्लब में आपका स्वागत है।

आप एक स्मार्ट आदमी हो। आपने बहुत व्यावहारिक चुनाव किए हैं और भारत में रहना मुश्किल हुआ तो कनाडा भाग सकते हैं। आपने ‘भारत में काम करने और सभी टैक्स अदा करने’ तथा कनाडा का नागरिक बनना चुना है। भारत में अपने सभी करों का भुगतान किया है और एक कनाडाई नागरिक बनना चुना है। आप उस बांग्लादेशी अप्रवासी से कम नहीं हैं जो आजीविका की तलाश में भारत आ जाता है। वे भी प्रत्यक्ष करों का भुगतान करते हैं। अगर आपके पास करों पर विकल्प होता, तो आप कुछ और तय कर सकते थे।

भारत में लोग आम तौर अमीर लोगों के प्रति सद्भाव रखते हैं। अगर आप मज़दूर या मुसलमान होते तो हम आपको 'नागरिकता बिल' के जरिए बाहर कर देते। अगर आप एक गांधी होते, तो आपको ट्रोल किया जाता, धमकाया, सवाल किया, नोटिस जारी किया, अदालतों में घसीटा जाता, हर दिन हर मौके पर हरेक बेवकूफ़ द्वारा। देखिए, हमपर क्या गुजरती है:

- राहुल गांधी, भारत में पैदा हुए, जिनके पिता और दादी भारत में आतंकवादियों के हाथों मारे गए, जिन्होंने भारत को अपना घर बनाने का निर्णय किया जबकि वे दुनिया में किसी भी देश के नागरिक हो सकते थे, उनसे साबित करने के लिए कहा जाता है कि वह एक भारतीय हैं।

- एक बांग्लादेशी फिल्म कलाकार, फिरदौस को पिछले ही हफ्ते चुनाव आयोग ने भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए वापस भेज दिया गया है।

- मैं भारत में पैदा हुआ हूँ और कई विकल्पों के बावजूद भारत में रहना पसंद किया है, लेकिन मैं जब भी मैं बोलता हूँ, लिखता हूं, अपनी राय रखता हूं तो मुझसे भारत के लिए अपना प्यार साबित करने के लिए कहा जाता है।

हम यह सब झेलते हैं क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री और आपके ग्राहक अपनी चुप्पी से धर्मान्धों की सेना को प्रोत्साहित करते हैं। आप भी इसके साथ जीना सीख जाएंगे, जैसे हम सब सीख गए। आपने अपना उपयोग एक ऐसे नेता को करने दिया है जो वह साबित करना चाहते हैं जो वे नहीं हैं– ‘महानतम राष्ट्रवादी’। आप भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के अपराध के लिए अनुकूल सह-अपराधी हैं। ईश्वर ना करे, अगर आप दोनों भारत को विभाजित करने के अपने मिशन में सफल हो जाते हैं, तो आप हमारे साथ में रहें और तकलीफ झेलें, जैसा कि हम सब करेंगे।

शुभकामनाएं
एक मनुष्य. हिन्दू. भारतीय

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