नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में हंगामा जारी है। नॉथ-ईस्ट राज्यों से शुरू हुआ प्रदर्शन देश की बड़े विश्वविद्यालयों तक पहुंच गया है। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी उबलने लगा है। रविवार को जामिया के छात्रों पर दिल्ली पुलिस कहर बरपाती नजर आई।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दक्षिण दिल्ली में रविवार रात प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के 50 छात्रों को आज सुबह रिहा कर दिया गया। बता दें कि रविवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान आगजनी, तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने छात्रों को हिरासत में ले लिया था। छात्रों के रिहा होने के बाद पुलिस मुख्यालय पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी ने अपना धरना खत्म कर दिया है।
हालांकि उग्र प्रदर्शन, तोड़फोड़, हिंसा के मामले में बहुत बड़ा झोल नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर कई फोटो और वीडियो वायरल हैं जिनमें पुलिस के जवान हेलमेट के अंदर भी मुंह ढंके नजर आ रहे हैं और छात्रों पर लाठी बरसा रहे हैं। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के सामने ही एक व्यक्ति बस में केन में कुछ रखता नजर आ रहा है। इस फोटो को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि छात्रों के खिलाफ साजिश रची गई ताकि उन्हें प्रदर्शन करने से रोका जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनआरसी और नागरिकता अधिनियम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने रविवार दोपहर के समय भी जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े। इस मामले को देखते हुए जामिया प्रशासन ने कहा कि रविवार को हो रहे प्रदर्शन में यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल नहीं है। जामिया प्रदर्शन में 11 छात्रों को गंभीर चोट आईं हैं, वहीं 24 छात्र को हल्की चोटें आईं हैं। हिंसा के बाद जामिया इलाके में भारी पुलिस तैनात कर दिया गया था। फिलहाल हालात काबू में हैं।
छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़कने के बाद हुई जहां एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ भिड़ गए और मथुरा रोड, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जामिया, नगर और सराय जुलेना में कम से छह बसों और पचास से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। छात्रों का आरोप है कि उन्हें लाइब्रेरी और मस्जिद से निकालकर पीटा गया।
बता दें कि CAA के विरोध में देश में तीसरे दिन पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन हुए जहां 15 रेलवे स्टेशनों और दो लोकल ट्रेनों में तोड़फोड़ की गई। विरोध-प्रदर्शन के चलते असम में इंटरनेट बंद रहा, जहां पिछले एक सप्ताह से कानून के विरोध में भारी विरोध हुआ।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दक्षिण दिल्ली में रविवार रात प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के 50 छात्रों को आज सुबह रिहा कर दिया गया। बता दें कि रविवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान आगजनी, तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने छात्रों को हिरासत में ले लिया था। छात्रों के रिहा होने के बाद पुलिस मुख्यालय पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी ने अपना धरना खत्म कर दिया है।
हालांकि उग्र प्रदर्शन, तोड़फोड़, हिंसा के मामले में बहुत बड़ा झोल नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर कई फोटो और वीडियो वायरल हैं जिनमें पुलिस के जवान हेलमेट के अंदर भी मुंह ढंके नजर आ रहे हैं और छात्रों पर लाठी बरसा रहे हैं। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों के सामने ही एक व्यक्ति बस में केन में कुछ रखता नजर आ रहा है। इस फोटो को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि छात्रों के खिलाफ साजिश रची गई ताकि उन्हें प्रदर्शन करने से रोका जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनआरसी और नागरिकता अधिनियम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने रविवार दोपहर के समय भी जमकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले छोड़े। इस मामले को देखते हुए जामिया प्रशासन ने कहा कि रविवार को हो रहे प्रदर्शन में यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल नहीं है। जामिया प्रदर्शन में 11 छात्रों को गंभीर चोट आईं हैं, वहीं 24 छात्र को हल्की चोटें आईं हैं। हिंसा के बाद जामिया इलाके में भारी पुलिस तैनात कर दिया गया था। फिलहाल हालात काबू में हैं।
छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़कने के बाद हुई जहां एक हजार से अधिक प्रदर्शनकारी पुलिस के साथ भिड़ गए और मथुरा रोड, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, जामिया, नगर और सराय जुलेना में कम से छह बसों और पचास से ज्यादा वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। छात्रों का आरोप है कि उन्हें लाइब्रेरी और मस्जिद से निकालकर पीटा गया।
बता दें कि CAA के विरोध में देश में तीसरे दिन पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन हुए जहां 15 रेलवे स्टेशनों और दो लोकल ट्रेनों में तोड़फोड़ की गई। विरोध-प्रदर्शन के चलते असम में इंटरनेट बंद रहा, जहां पिछले एक सप्ताह से कानून के विरोध में भारी विरोध हुआ।