मुंबई। भाजपा राज में दलित अत्याचार चरम पर है। अभी पिछले दिनों ही गुजरात में दलित अत्याचार की पराकाष्ठा की शर्मनाक खबर आई थी, अब एक और खबर ने भाजपा शासित राज्यों को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में अंबेडकरवादी चिंतक डा. कृष्ण किरवाले की हत्या कर दी गई। डॉ. किरवाले कोल्हापुर शहर में स्थित अपने मकान में शुक्रवार (3 मार्च) को मृत पाए गए। पुलिस ने बताया कि राजेन्द्रनगर स्थित उनके आवास से मिले शव पर चाकू से कई बार मारे जाने के निशान मिले हैं।
किरावले (62) कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय के मराठी विभाग के प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। पुलिस ने बताया कि इस हत्या के सिलसिले में एक व्यक्ति को पकड़ा गया है। संदिग्ध व्यक्ति के मकान पर अज्ञात व्यक्ति ने पथराव किया।
किरवाले के प्रमुख योगदान में दलित एवं ग्रामीण साहित्य का शब्दकोश है। यह परियोजना राज्य सरकार के तहत चलायी गयी थी। उनकी अन्य पुस्तकों में दलित साहित्यकार बाबूराव बांगुल की जीवनी शामिल है।
किरवाले ने अम्बेडकरवादी साहित्य पर विशेष रूप से तथा मराठी साहित्य पर कई बार व्याख्यान दिये थे। पुलिस अधिकारियों ने इस नृशंस हत्या के पीछे के संभावित कारणों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। किरवाले दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे। सेवा में रहते हुए वह विश्वविद्यालय के डा. बाबा साहेब अम्बेडकर अनुसंधान एवं विकास केन्द्र के भी प्रमुख थे।
किरवाले के निधन पर शोक जताते हुए विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गयी है। केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सरकार को किरवाले की हत्या की जांच के आदेश देने चाहिए और दोषी को दंडित करना चाहिए। पिछले तीन साल में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और चिंतकों की हत्या हो चुकी है।
किरावले (62) कोल्हापुर के शिवाजी विश्वविद्यालय के मराठी विभाग के प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। पुलिस ने बताया कि इस हत्या के सिलसिले में एक व्यक्ति को पकड़ा गया है। संदिग्ध व्यक्ति के मकान पर अज्ञात व्यक्ति ने पथराव किया।
किरवाले के प्रमुख योगदान में दलित एवं ग्रामीण साहित्य का शब्दकोश है। यह परियोजना राज्य सरकार के तहत चलायी गयी थी। उनकी अन्य पुस्तकों में दलित साहित्यकार बाबूराव बांगुल की जीवनी शामिल है।
किरवाले ने अम्बेडकरवादी साहित्य पर विशेष रूप से तथा मराठी साहित्य पर कई बार व्याख्यान दिये थे। पुलिस अधिकारियों ने इस नृशंस हत्या के पीछे के संभावित कारणों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। किरवाले दो साल पहले सेवानिवृत्त हुए थे। सेवा में रहते हुए वह विश्वविद्यालय के डा. बाबा साहेब अम्बेडकर अनुसंधान एवं विकास केन्द्र के भी प्रमुख थे।
किरवाले के निधन पर शोक जताते हुए विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष धनंजय मुंडे ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गयी है। केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सरकार को किरवाले की हत्या की जांच के आदेश देने चाहिए और दोषी को दंडित करना चाहिए। पिछले तीन साल में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और चिंतकों की हत्या हो चुकी है।