अलवर की मॉब लिंचिंग में पुलिस की गलती आई सामने:सीबीआई जांच की मांग

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: July 24, 2018
राजस्थान के अलवर में गौतस्करी का आरोप लगाकर अकबर नाम के व्यक्ति की पीट-पीटकर हुई हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। जांच में सामने आया है कि पुलिस ने घायल और मरणासन्न अकबर को अस्पताल ले जाने में काफी देरी की।

Alwar Lynching

नईदुनिया के अनुसार, जयपुर रेंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, क्राइम एंड विजिलेंस को पहले जांच सौंपी गई थी लेकिन मामला तूल पकड़ने के बाद तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया जिससे यह तथ्य उजागर हुए हैं कि घायल अकबर को तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस तीन घंटे तक थाने में ही रखे रही।

इस मामले में एक एएसआई को सस्पेंड और तीन को लाइन हाजिर किया गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एनआरके रेड्डी ने माना है कि अकबर को पहले अस्पताल न ले जाना पुलिस की लापरवाही है।

आरोप तो यह भी है कि पुलिस ने भी अकबर के साथ मारपीट की। अधिकारियों ने कहा है कि मामले  की विस्तृत जांच अभी की जा रही है।

जांच मे यह बात भी सामने आई है कि अकबर के साथ मारपीट हुई लेकिन वह बहुत ज्यादा घायल नहीं था और पुलिस ने अपनी गाड़ी में उसे बैठाने से पहले नहलाया था और एक आरोपी से ही कपड़े मंगवाए थे। इससे भी इस बात का संदेह हो रहा है कि अकबर की थाने में भी पिटाई हुई जिससे उसकी हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने घायल अकबर को तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय, पहले उसके पास से जब्त की गई गायों को गौशाला पहुंचाना जरूरी समझा। अकबर की मौत उसकी पसलियों में अंदरूनी चोट से होने का पता चला है।

अकबर की मौत के मामले में पुलिस के शामिल होने के संकेत मिलने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि घायल को अस्पताल ले जाने में जो तीन घंटे की देरी हुई, उस दौरान क्या-क्या हुआ, ये बात सामने आनी चाहिए।
 
 

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