AMU में छात्रों पर लाठीचार्ज व हिंसा के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र व यूपी सरकार से मांगा जवाब

Written by sabrang india | Published on: December 20, 2019
अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में नागरिकता (संशोधन) कानून का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने और यूनिवर्सिटी में हंगामे के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र और यूपी सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने पुलिस अफसरों और वाइस चांसलर से भी इस मामलो पर जवाब मांगा है। 



हाई कोर्ट ने इन सभी को दो हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा है। इस मामले की सुनवाई 2 जनवरी को होगी। हाई कोर्ट ने इस प्रदर्शन में शामिल रहे एएमयू के पूर्व छात्र मोहम्मद अमन की याचिका पर संज्ञान लेते हुए यूपी और केंद्र सरकार सहित वीसी व पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा है।

दरअसल, पूर्व छात्र और प्रदर्शन में शामिल रहे मोहम्मद अमन ने याचिका दाखिल करके पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने प्रदर्शन व पुलिस लाठीचार्ज की तस्वीरें देखकर कहा कि युद्ध जैसे हालात नजर आ रहे हैं।

ये है मामला
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन हुआ था। इस दौरान जामिया में हिंसा भड़क गई और दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के हॉस्टल व पुस्तकालय में घुसकर छात्रों को पीटा। इसके बाद जामिया हिंसा और नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र भी प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान यूपी पुलिस ने एएमयू के छात्रों पर भी लाठीचार्ज कर दिया। इसके साथ ही छात्रों को हॉस्टल छोड़ने का फरमान जारी कर दिया गया।

जामिया के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा व लाठीचार्ज के बाद देश व विदेश की कई यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन देखा गया। नागरिकता कानून को संविधान बताते हुए इसके विरोध के स्वर देशभर में उठ रहे हैं। इस दौरान कई जगह हिंसा व पुलिसबल द्वारा लाठीचार्ज हुआ है। इस बीच यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों को चिन्हित कर उनसे सरकारी संपत्ति की क्षतिपूर्ति के आदेश दिए हैं। 

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