किसान आंदोलन: दिल्ली चलो मार्च से पहले MP में किसान नेताओं की गिरफ्तारी की AIKS ने निंदा की

Written by sabrang india | Published on: February 13, 2024
किसान और सरकार के बीच कल देर रात तक चली बैठक बेनतीजा रही। जिसके बाद आज भारी संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का काफिला धीरे-धीरे बढ़ रहा है। बॉर्डर पर तैनात पुलिस उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है। किसानों को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि हम अब रुकने वाले नहीं हैं।


इस बीच सोमवार शाम को मध्य प्रदेश में किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने गिरफ्तारी की निंदा की तथा इसे 16 फरवरी के ग्रामीण भारत बंद व औद्योगिक हड़ताल को नाकाम करने की कोशिश बताया।

एआईकेएस ने एक बयान में कहा, ‘‘ऑल इंडिया किसान सभा अपने (किसान सभा के), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमंस एसोसिएशन, भूमि अधिकार आंदोलन किसान संघर्ष समिति, बीकेयू (टिकैत), एनएपीएम और मध्य प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य घटक संघों के नेताओं की कायर भाजपा सरकार द्वारा गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है।’’

बयान के अनुसार, ‘‘इन सभी को संज्ञेय अपराध करने से रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया है। तानाशाही भरा यह कदम 16 फरवरी के ग्रामीण भारत बंद और औद्योगिक हड़ताल के लिए लोगों को जुटने से रोकने तथा उसे नाकाम करने के लिए उठाया गया है।’’ बंद का आह्वान एसकेएम और अन्य किसान संघों ने किया है।

एआईकेएस ने कहा कि इसके प्रदेश उपाध्यक्ष रामनारायण कुरैरिया को सिवनी में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वह ग्रामीण भारत बंद व हड़ताल की तैयारी से संबंधित एक बैठक में शामिल हो रहे थे।

इसने कहा कि पुलिस कुरैरिया को जबलपुर ले गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।

एआईकेस ने कहा कि ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमंस एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) की नेता एवं वकील अंजना कुरैरिया को जबलपुर में उनके घर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी उस वक्त की गई जब पुलिस उनके पति रामनारायण के ठिकाने के बारे में पूछताछ करने वहां पहुंची थी।

एआईकेएस ने कहा कि मध्य प्रदेश किसान सभा के आदिवासी नेता बलराज सिंह को भी सीधी स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि एक मुचलके पर उन्हें रिहा कर दिया गया।

इसने कहा कि मध्य प्रदेश किसान सभा के एक और आदिवासी नेता अनिल सलाम को भी सिवनी में गिरफ्तार किया गया और बाद में रिहा कर दिया गया। प्रदेश किसान सभा की रीवा जिला इकाई के सचिव रंजीत सिंह को विभिन्न किसान संघों के छह नेताओं के साथ उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वे बंद की तैयारियों से जुड़ी एक बैठक कर रहे थे।

भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश प्रमुख को राजगढ़ स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया और भोपाल जेल भेज दिया गया। भूमि अधिकार आंदोलन की एक प्रमुख नेता एवं किसान संघर्ष समिति की आराधना भार्गव को छिंदवाड़ा स्थित उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया गया और बैतूल जेल भेज दिया गया।

एआईकेएस के बयान के अनुसार, एसकेएम के शत्रुघ्न यादव को ग्वालियर में उनके गांव से गिरफ्तार किया गया, एनएपीएम (नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स) के राजकुमार सिन्हा को जबलपुर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि बीकेयू के अनिल सिंह को श्योपुर जिले में गिरफ्तार किया गया और कुछ अन्य को जबलपुर और भोपाल में गिरफ्तार किया गया।

बयान में कहा गया है, ‘‘कई नेताओं को उनके घरों में नजरबंद कर यात्रा करने से प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में इसी तरह से गिरफ्तारियां की जा रहीं और नजरबंद किया जा रहा है तथा भाजपा शासित इन राज्यों में भारी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती की जा रही है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘अखिल भारतीय किसान सभा, मध्य प्रदेश, अन्य राज्यों और केंद्र की भाजपा सरकार को चेतावनी देती है कि ये धमकियां और गिरफ्तारियां हमें डरा नहीं पाएंगी ; हम ग्रामीण भारत बंद और श्रमिकों और किसानों की हड़ताल की व्यापक सफलता सुनिश्चित करेंगे। इस तरह की दमनकारी कार्रवाइयों का उचित जवाब देंगे।’’

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