मतगणना से पहले अखिलेश यादव ने EVM चोरी का आरोप लगाया, चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 8, 2022
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की काउंटिंग से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने काउंटिंग में गड़बड़ी का अंदेशा जताया है। उन्होंने एग्जिट पोल्स में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी को भी इसी का एक हिस्सा बताया है। अखिलेश यादव ने मंगलवार शाम को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है और अब बदलाव के लिए क्रांति करनी होगी।



अखिलेश यादव ने कहा, ''यह सूचना मिल रही थी मुख्यमंत्री के सबसे बड़े अधिकारी, प्रमुख सचिव का जगह-जगह फोन जा रहा है कि जहां बीजेपी हारे वहां काउंटिंग स्लो करिए। यदि हम पिछला चुनाव देखें जो बीजेपी की जो जीत हुई, 47 सीटें ऐसी हैं जहां 5 हजार से कम वोट का मार्जिन है। आज बनारस में देखने को मिला है, ईवीएम ले जाईं जा रही थीं। एक ट्रक पकड़ा गया, दो ट्रक लेकर भाग गए। यदि सरकार वोट की चोरी नहीं कर रही थी तो बताए दो गाड़ियां क्यों भागीं। सुरक्षा का इंतजाम क्यों नहीं किया गया। क्या वजह है कि बिना सिक्यॉरिटी के ईवीएम जा रही हैं। किसी वेयर हाउस और स्ट्रॉन्ग रूप में रखा है तो बिना प्रत्याशियों को सूचना दिए मूव नहीं किया जा सकता है।''

सपा कार्यकर्ताओं ने पकड़ीं ईवीएम भरी गाड़ी
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बनारस में ईवीएम से भरी एक गाड़ी को पकड़ने का दावा किया है। पिकअप वैन को सपा के कार्यकर्ताओं ने घेर लिया है और पहड़िया मंडी के मुख्य द्वार को बंद कर विरोध प्रदशर्न कर रहे हैं। दूसरी तरफ, जिला प्रशासन ने कहा है, "ये चुनाव में इस्तेमाल हुईं ईवीएम नहीं हैं।  जो EVM चुनाव में इस्तेमाल हुई थीं, वे सब स्ट्रॉन्ग रूम में CRPF के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें CCTV की निगरानी है, जिसे सभी राजनीतिक दलों के लोग देख रहे हैं।"



समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बनारस में ईवीएम से भरी एक गाड़ी को पकड़ने का दावा किया है।पिकअप वैन को सपा के कार्यकर्ताओं ने घेर लिया है और पहड़िया मंडी के मुख्य द्वार को बंद कर विरोध प्रदशर्न कर रहे हैं। दूसरी तरफ, जिला प्रशासन ने कहा है, "ये चुनाव में इस्तेमाल हुईं ईवीएम नहीं हैं।  जो EVM चुनाव में इस्तेमाल हुई थीं, वे सब स्ट्रॉन्ग रूम में CRPF के कब्जे में सील बंद हैं और उसमें CCTV की निगरानी है, जिसे सभी राजनीतिक दलों के लोग देख रहे हैं।"

इस मामले पर प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रशिक्षण के लिए EVM मंडी में स्थित अलग खाद्य गोदाम में बने स्टोरेज से UP कॉलेज ले जाई जा रही थी, जिसे कुछ राजनीतिक लोगों ने रोक कर उसे चुनाव में प्रयुक्त EVM कहकर अफवाह फैलाई है। कल काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की दूसरी ट्रेनिंग है और हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीन ट्रेनिंग में हमेशा प्रयुक्त होती हैं।

दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार और डीएम काउंटिंग से पहले बेइमानी की तैयारी का आरोप लगाकर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि वहां ईवीएम लदीं तीन गाड़ियां कहीं भेजी जा रही थीं। हमारे लोगों ने एक गाड़ी पकड़ ली और दो गाड़ियां भाग गईं। अखिलेश ने सवाल किया कि इतनी फोर्स के बाद भी ऐसा कैसे हो रहा है। बिना सुरक्षा ईवीएम इधर से उधर कैसे जा रही है। गाइडलाइन बनी हुई है कि आपको ईवीएम मूव कराना है तो जो प्रत्याशी लड़ रहे हैं, उन्हें बताना होगा।

वहीं दूसरी तरफ वाराणसी, बरेली और सोनभद्र में ईवीएम और बैलेट पेपर गायब करने का आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ये उसी दिन घबरा गए जिस दिन अखबरों में आया कि कहीं पार्क की सफाई हो रही है, कहीं घर की सफाई हो रही है। जमीन पर बीजेपी के खिलाफ गुस्सा है।''

अखिलेश यादव ने एग्जिट पोल्स में बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी को लेकर कहा, ''एग्जिट पोल से परेसेप्शन क्रिएट करना चाहते हैं कि बीजेपी जीत रही है। ताकि चोरी भी करें तो पता ना लगे कि चोरी हुई है। यदि हमने वोट दिया है तो मैं नौजवानों, किसानों और आम लोगों से कहूंगा कि हमारी जिम्मेदारी है कि वोट को बचाएं। वोट नहीं गिना जाएगा तो लोकतंत्र कहां जाएगा। यह लोकतंत्र की आखिरी लड़ाई है। इसके बाद तो जनता को क्रांति करनी पड़ेगी। तभी बदलाव आएगा।''

अखिलेश यादव ने कहा, ''इसलिए मैं अपनी पार्टी के सच्चे ईमानदार सिपाही, अधिकारी, पत्रकारों से कहूंगा कि वे आगे आएं और लोकतंत्र बचाने के लिए खड़े हों। जब तक काउंटिंग ना हो जाए तब तक नजर रखें। जहां मशीने रखी हैं वहां किसी का आना जाना ना हो। यह लोकतंत्र के लिए खतरे का समय है। जो दल हार गया अब उसके बस में यही है जो वह करने जा रहे हैं। जितने एग्जिट पोल हुए हैं, इसलिए हुए हैं। अब ईवीएम पकड़ी गई हैं, अधिकारी कोई ना कोई बहाना बताएंगे, कि हम इसलिए ले जा रहे थे। आखिरकार फोर्स के साथ क्यों नहीं जा रही हैं? बनारस में घटना हुई है, बरेली में एक कचरे की गाड़ी में सीलबंद तीन बक्से पकड़े गए हैं। एक में बैलेट पेपर था। करीब 500 बैलेट पेपर पकड़े गए। इसी तरह सोनभद्र का मामला है, वहां भी पड़े पैमाने पर चीजें पकड़ी गईं। क्या सफाई देगी सरकार?''

'आखिरी चुनाव है, लड़नी होगी आजादी जैसी लड़ाई' 
एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, ''यह लोकतंत्र की आखिरी चुनाव है। इसके बाद तो जिस तरह आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गई थी, उसी तरह आपको और हमें क्रांति करनी पड़ेगी। मैं तो अपने नौजवानों से अपील करूंगा कि जहां किसान एक साल बैठे रहे तब सरकार झुकी, कम से कम तीन दिन लोकतंत्र के प्रहरी बनकर ईवीएम बचाएं।''

अखिलेश ने कहा कि मेरे क्षेत्र में बीजेपी के जो प्रत्याशी चुनाव लड़ने आए थे, उन्होंने अपने आप अपनी गाड़ी तोड़ दी और समाजवादियों पर आरोप लगा दिया। उन पर क्या कार्रवाई हुई? अखिलेश ने आरोप लगाया कि ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की सूचना प्रत्याशियों को नहीं दी जा रही है। वाराणसी में ईवीएम में गड़बड़ी हुई है। क्या वोटों की चोरी की जा रही है?

बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी ने अंतिम चरण के मतदान के दिन सुबह से ही एक के बाद एक ट्वीट के जरिए विभिन्न विधानसभा चुनावों में धांधली और ईवीएम खराब होने के आरोप लगाए थे। इसके अलावा एक वीडियो चुनाव से एक दिन पहले वायरल हुआ था जिसमें एक व्यक्ति कहता नजर आता है कि 200 ईवीएम रातोंरात बदल दी जाएंगी। 

वह व्यक्ति कहता है, "कम से कम 200 ईवीएम को बदल दिया गया है ... रातों-रात व्यवस्था कर दी जाएगी," वह दावा करता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से समझौता किया गया है, और कम से कम 200 ईवीएम को बदल दिया गया है। यह एक अपडेटेड वीडियो में सामने आया था। 6 मार्च को प्रकाश में आने वाले की पहचान महराजगंज के सदर प्रखंड के पूर्व प्रमुख नरेंद्र खरवार के रूप में हुई है। वीडियो को लखनऊ के पत्रकार मनीष पांडे ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जिन्होंने कहा कि खरवार "वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के पारिवारिक मित्र" के रूप में जाने जाते हैं।  

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