राहुल गांधी की दो टूक, सत्ता में आने के बाद राफेल मामले की होगी आपराधिक जांच

Published on: January 5, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आती है तो राफेल सौदे की आपराधिक जांच होगी. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सौदे में गड़बड़ी करने के आरोप हैं, लेकिन वह सवालों से भाग रहे हैं. राहुल ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को राफेल सौदे पर मोदी से पूछे जा रहे खास सवालों के जवाब देने चाहिए.



उन्होंने कहा कि लोकसभा बुधवार को उस सौदे पर चर्चा की गवाह बनीं, जिसपर प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से हस्ताक्षर किए थे.

उन्होंने कहा, ‘आपने देखा कि सरकार ने मुख्य सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया. अरुण जेटली ने मुख्य सवालों के जवाब नहीं दिए. प्रधानमंत्री जो इस मामले के आरोपी हैं, ने सदन की चर्चा से भागने का विकल्प चुना.’

राहुल ने कहा कि जेटली ने उन्हें सवालों के जवाब देने के बजाए गाली दी.

राहुल ने कहा, ‘यहां मौलिक प्रश्न यह है कि इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच होनी चाहिए. सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि राफेल मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. लेकिन अगर हम 2019 में सत्ता में आते हैं तो इसकी आपराधिक जांच होगी और जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा.’

राहुल ने कहा कि देश के नौजवान प्रधानमंत्री पर सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘जेट फाइटर की कीमत 526 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये करने का फैसला किसने किया? यह निर्णय किसका था? क्या यह वायुसेना, रक्षा मंत्रालय या प्रधानमंत्री का निर्णय था? हम स्पष्ट जवाब चाहते हैं.’

राहुल ने कहा कि महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या रक्षा मंत्रालय ने सौदे के किसी भी चीज पर आपत्ति जताई थी.

उन्होंने कहा, ‘क्या रक्षा मंत्रालय के पास ऐसे दस्तावेज हैं, जो इस सौदे का विरोध करते हैं? उन्हें कहना चाहिए कि कोई आपत्ति नहीं जताई गई. लेकिन अगर आपत्तियां हैं, तो फिर प्रधानमंत्री किस आधार पर सवालों को गैरजरूरी बता रहे हैं.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय वायुसेना 126 लड़ाकू विमान चाहती थी, लेकिन सरकार ने केवल 36 विमान ही खरीदे. क्या ऐसा करते समय राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में विचार किया गया था?

उन्होंने आरोप लगाया कि इस ऑफसेट सौदे में एक निजी संस्था को 30,000 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया.

उन्होंने कहा कि विमान के निर्माण का अनुबंध एचएएल के पास होना चाहिए था, लेकिन सरकार द्वारा खरीदे जा रहे विमानों का निर्माण फ्रांस में किए गए.

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