नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में ‘राष्ट्रवाद’ के नाम भड़की चिंगारी अब राजस्थान के जोधपुर यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। ‘राष्ट्रवाद’ के नाम पर जोधपुर यूनिवर्सिटी में बवाल इस कदर आगे बढ़ चुका है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रदर्शन और दबाव के बाद एक महिला प्रोफेसर का सस्पेंशन तक हो चुका है और अब उसके टर्मिनेशन की भी तैयारी है। यह विवाद एक सेमिनार को लेकर बताया जा रहा है। जहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एक प्रोफेसर निवेदिता मेनन के कुछ विवादस्पद बयान के बाद सेमिनार का आयोजन करने वाली प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया गया।
एनडीटीवी के मुताबिक, सरकार के इस कदम के बाद कहा जा रहा है कि महिला प्रोफेसर घबराई हुई है। महिला प्रोफेसर जोधपुर में अकेली रहती है, अब तक उसने मीडिया में बयान नहीं दिया है। लेकिन जाहिर है उसने भी ये सवाल किया है कि सिर्फ सेमिनार का आयोजन करना कौन सा गुनाह हो गया? दरअसल मामला है फरवरी में हुए एक सेमिनार का है जहां इतिहास को साहित्य के नजरिये से कैसा देखा जा सकता है, उस विषय पर JNU की प्रोफेसर निवेदिता मेनन ने कथित रूप से कुछ विवादित बयान दिए।
निवेदिता मेनन के बयान का ABVP का समर्थन करने वाले छात्रों ने ज़ोरदार विरोध किया। मेनन के खिलाफ जोधपुर के एक थाने में FIR दर्ज हो गई है। लेकिन इसका सीधा खामियाजा भुगतना पड़ा प्रोफेसर राजश्री राणावत को जिन्होंने सेमिनार का आयोजन किया था। इस बारे में ABVP के प्रवक्ता साकेत बहुगुणा ने एनडीटीवी न्यूज़ को बताया कि सेमिनार में निवेदिता मेनन ने देश के बारे में काफी कुछ कहा। यहां तक उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा कर रखा है, भारत का नक्शा उल्टा कर देना चाहिए।
ABVP नेता का कहना है कि कार्यक्रम में मेनन का परिचय भी यहा कराया गया था, वह यही प्रोफेसर हैं जो कश्मीर की आजादी के बयान देने के लिए प्रसिद्ध हैं। वहीं ABVP के नेता का कहना है कि जेएनयू की प्रोफेसर को वहां पर बोलने से रोका नहीं गया। वहां के छात्रों और प्रोफेसरों ने पहले विरोध किया था, ABVP ने भी विरोध किया। इस पूरे प्रकरण के चलते एक दिन यूनिवर्सिटी बंद रही।
Courtesy: Janta Ka Reporter
एनडीटीवी के मुताबिक, सरकार के इस कदम के बाद कहा जा रहा है कि महिला प्रोफेसर घबराई हुई है। महिला प्रोफेसर जोधपुर में अकेली रहती है, अब तक उसने मीडिया में बयान नहीं दिया है। लेकिन जाहिर है उसने भी ये सवाल किया है कि सिर्फ सेमिनार का आयोजन करना कौन सा गुनाह हो गया? दरअसल मामला है फरवरी में हुए एक सेमिनार का है जहां इतिहास को साहित्य के नजरिये से कैसा देखा जा सकता है, उस विषय पर JNU की प्रोफेसर निवेदिता मेनन ने कथित रूप से कुछ विवादित बयान दिए।
निवेदिता मेनन के बयान का ABVP का समर्थन करने वाले छात्रों ने ज़ोरदार विरोध किया। मेनन के खिलाफ जोधपुर के एक थाने में FIR दर्ज हो गई है। लेकिन इसका सीधा खामियाजा भुगतना पड़ा प्रोफेसर राजश्री राणावत को जिन्होंने सेमिनार का आयोजन किया था। इस बारे में ABVP के प्रवक्ता साकेत बहुगुणा ने एनडीटीवी न्यूज़ को बताया कि सेमिनार में निवेदिता मेनन ने देश के बारे में काफी कुछ कहा। यहां तक उन्होंने कहा कि भारत ने कश्मीर पर कब्जा कर रखा है, भारत का नक्शा उल्टा कर देना चाहिए।
ABVP नेता का कहना है कि कार्यक्रम में मेनन का परिचय भी यहा कराया गया था, वह यही प्रोफेसर हैं जो कश्मीर की आजादी के बयान देने के लिए प्रसिद्ध हैं। वहीं ABVP के नेता का कहना है कि जेएनयू की प्रोफेसर को वहां पर बोलने से रोका नहीं गया। वहां के छात्रों और प्रोफेसरों ने पहले विरोध किया था, ABVP ने भी विरोध किया। इस पूरे प्रकरण के चलते एक दिन यूनिवर्सिटी बंद रही।
Courtesy: Janta Ka Reporter