जगदलपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी की पार्टी अलका लांबा राजसमंद पहुंचीं. यहां उन्होंने एक कन्या विद्यालय का दौरा किया जिसमें करीब 1000 छात्राएं पढ़ती हैं. अलका लांबा ने यह दौरा करीब एक महीने पहले किया जिसमें उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए रमन सिंह की सरकार का 15 साल का विकास दिखाया. शुक्रवार को कांग्रेस पर नक्सल अर्बन समर्थक होने का आरोप लगाकर आए पीएम मोदी अगर इस वीडियो को देखकर जाते तो उन्हें रमन सिंह के विकास के बारे में बोलने से पहले सौ बार सोचना पड़ता.
इस वीडियो में छात्राओं ने अलका लांबा से अनुरोध किया कि वे उनके विद्यालय का शौचालय देखें. अलका लांबा वहां तक गईं तो दुर्गंध के मारे बुरा हाल नजर आया. इस दौरान उन्होंने बेटियों से पूछा कि क्या शौचालय में पानी आता है? जवाब मिला- नहीं. क्या शौचालय में हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था है? जवाब मिला- नहीं.
इसके साथ ही अलका लांबा ने छात्राओं के मिलने वाली सेनेट्री नेपकिन के बारे में पूछा तो जवाब वही मिला- नहीं. अलका लांबा ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का दावा करने वाली बीजेपी के राज की हकीकत एक ही वीडियो से खोलकर सबके सामने रख दी. इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि विद्यालय का स्वच्छ भारत अभियान से दूर तक कोई रिश्ता नहीं है. पीएम मोदी का स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ भाजपा नेताओं के फोटो खिंचवाने तक ही सीमित है. जमीनी स्तर पर कोई काम नजर नहीं आ रहा है.
अभी हाल ही में पीएम मोदी ने जगदलपुर में आम सभा को संबोधित किया और अपने पूरे भाषण में उन्होंने छत्तीसगढ़ की असल समस्याओं पर कुछ ठोस बात की ही नहीं. वो पूरे समय कांग्रेस को गरियाते रहे. मोदी हर उस संगठन के ख़िलाफ़ ज़हर उगलते रहे जो उनकी सरकार पर ज़रा भी सवाल उठाता है. अर्बन नक्सल का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शहरों के बड़े-बड़े, साफ़ सुथरे, एयरकंडीशन घरों में रहने वाले बुद्धिजीवी लोगों के हाथों में माओवादियों को चलाने का रिमोट है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वो माओवादियों का समर्थन करती है इसलिए उन्हें यहां से निकाल देना चाहिए.
अपने पूरे भाषण में प्रधानमंत्री जी ने एक लाईन भी इस बारे में नहीं कही कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की बुनियादी ज़रूरते पूरी करने में भाजपा सरकार 15 साल के शासनकाल में भी नाकाम क्यों है. उन्होंने, बड़ी-बड़ी डींगें हांकने में ही पूरा समय गुज़ार दिया. लेकिन अगर पीएम मोदी अलका लांबा के इस वीडियो को देखकर जनसभा में जाते तो उन्हें रमन सिंह की तारीफ करने से पहले जरूर सोचना पड़ता.
इस वीडियो में छात्राओं ने अलका लांबा से अनुरोध किया कि वे उनके विद्यालय का शौचालय देखें. अलका लांबा वहां तक गईं तो दुर्गंध के मारे बुरा हाल नजर आया. इस दौरान उन्होंने बेटियों से पूछा कि क्या शौचालय में पानी आता है? जवाब मिला- नहीं. क्या शौचालय में हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था है? जवाब मिला- नहीं.
इसके साथ ही अलका लांबा ने छात्राओं के मिलने वाली सेनेट्री नेपकिन के बारे में पूछा तो जवाब वही मिला- नहीं. अलका लांबा ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का दावा करने वाली बीजेपी के राज की हकीकत एक ही वीडियो से खोलकर सबके सामने रख दी. इस वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि विद्यालय का स्वच्छ भारत अभियान से दूर तक कोई रिश्ता नहीं है. पीएम मोदी का स्वच्छ भारत अभियान सिर्फ भाजपा नेताओं के फोटो खिंचवाने तक ही सीमित है. जमीनी स्तर पर कोई काम नजर नहीं आ रहा है.
अभी हाल ही में पीएम मोदी ने जगदलपुर में आम सभा को संबोधित किया और अपने पूरे भाषण में उन्होंने छत्तीसगढ़ की असल समस्याओं पर कुछ ठोस बात की ही नहीं. वो पूरे समय कांग्रेस को गरियाते रहे. मोदी हर उस संगठन के ख़िलाफ़ ज़हर उगलते रहे जो उनकी सरकार पर ज़रा भी सवाल उठाता है. अर्बन नक्सल का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शहरों के बड़े-बड़े, साफ़ सुथरे, एयरकंडीशन घरों में रहने वाले बुद्धिजीवी लोगों के हाथों में माओवादियों को चलाने का रिमोट है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वो माओवादियों का समर्थन करती है इसलिए उन्हें यहां से निकाल देना चाहिए.
अपने पूरे भाषण में प्रधानमंत्री जी ने एक लाईन भी इस बारे में नहीं कही कि छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की बुनियादी ज़रूरते पूरी करने में भाजपा सरकार 15 साल के शासनकाल में भी नाकाम क्यों है. उन्होंने, बड़ी-बड़ी डींगें हांकने में ही पूरा समय गुज़ार दिया. लेकिन अगर पीएम मोदी अलका लांबा के इस वीडियो को देखकर जनसभा में जाते तो उन्हें रमन सिंह की तारीफ करने से पहले जरूर सोचना पड़ता.