नफरतों के बढ़ते माहौल में आप लोगों ने जो दोस्ती, प्यार और साथ देने का माहौल बनाया है इस जीत को नापने के लिए कोई मेडल दे ही नहीं सकता है, क्योंकि आप सबका यह साथ ही अनमोल तोहफा है पूरे देश को यह दिखाने के लिए कि सही मायने में एक दूसरे का साथ देना क्या होता है, आप सभी को सलाम!
फोटो साभार : हिंदुस्तान टाइम्स
महिला संगठन और उनके प्रतिनिधियों की ओर से विनेश को दोस्ती, संघर्ष और सॉलिडेरिटी को ज़ाहिर करता एक खुला पत्र लिखा गया है। उन्होंने विनेश के जंतर-मंतर से लेकर पेरिस ओलंपिक तक के संघर्षों को सलाम किया है और अपना प्यार भेजा है।
इस पत्र में संगठन के प्रतिनिधियों ने लिखा पिछले कुछ दिनों के आपके ज़बरदस्त संघर्ष और आखिर तक लड़ने के जज़्बे से देश-विदेश के सभी लोगों की तरह हम भी प्रेरित होते रहे हैं।
इसमें आगे उन्होंने लिखा कि संघर्षों और आंदोलनों में सहभागी होते हुए हमने भी एक सबक बार बार सीखा है। मुकाबले में, संघर्ष में, लड़ाई में, जीत अक्सर नहीं मिलती पर उसमें सामने जा कर उसे पूरे जी जान से लड़ना ही एक बहुत बड़ी जीत होती है। ख़ास कर के ऐसी लड़ाई जिसमें सारे पलड़े तुम्हारे खिलाफ झुकाए जा रहे हों, जहां ताकतवर अपना हर पैंतरा बेदर्दी से और देश, समाज, इंसानियत, सब को भी दांव पर लगा कर खेल रहा हो, तब यह मुकाबला और भी मुश्किल हो जाता है। आप से बेहतर यह शायद ही कोई जानता हो!
पढ़िए विनेश को लिखे पत्र में महिला संगठन के प्रतिनिधियों ने क्या-क्या लिखा:-
प्यारी विनेश,
सबसे पहले हम सब नारीवादी और जन आंदोलन से जुड़े साथियों की ओर से आपको सलाम, शुक्रिया और बहुत सारा प्यार! पिछले कुछ दिनों के आपके ज़बरदस्त संघर्ष और आखिर तक लड़ने के जज़्बे से देश विदेश के सभी लोगों की तरह हम भी प्रेरित होते रहे हैं।
संघर्षों और आंदोलनों में सहभागी होते हुए हमने भी एक सबक बार बार सीखा है। मुकाबले में, संघर्ष में, लड़ाई में, जीत अक्सर नहीं मिलती पर उसमें सामने जा कर उसे पूरे जी जान से लड़ना ही एक बहुत बड़ी जीत होती है। ख़ास कर के ऐसी लड़ाई जिसमें सारे पलड़े तुम्हारे खिलाफ झुकाए जा रहे हों, जहां ताकतवर अपना हर पैंतरा बेदर्दी से और देश, समाज, इंसानियत, सब को भी दांव पर लगा कर खेल रहा हो, तब यह मुकाबला और भी मुश्किल हो जाता है। आप से बेहतर यह शायद ही कोई जानता हो!
पर इस लड़ाई में जो जीत हुई है उसे दोहराना भी हम सभी के लिए ज़रुरी है। जंतर मंतर से लेकर पेरिस तक आपने जो ताकत दिखाई है वह हर उस व्यक्ति के लिए एक मिसाल है जो अपनी परिस्थितियों से जूझते हुए अपने सपने पूरे करने की ख्वाहिश रखता है। आप वह मिसाल हो जो सही मायने में हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा बन कर आज सामने हो यह कहने के लिए कि मेडल और जीत कितने प्रकार के होते हैं।
सबसे पहले आपको नवाज़ा अपने देश के और दुनिया भर के खिलाड़ियों ने जो आपके समर्थन में आपके साथ खड़े रहे। उनका आपकी काबिलियत पर विश्वास से आप दुनिया की नज़रों में जीत चुकी हैं।
कल दिल्ली हवाई अड्डे से आपके गांव तक जो लोग आपका स्वागत कर रहे थे वे इस जीत का प्रतीक हैं। लोगों ने आपकी जीत को स्वीकारा है और इस से बड़ा कोई क्या ही हासिल कर सकता है। ये प्यार जिसकी आप पूरी तरह से हक़दार हैं क्योंकि हालांकि बात अभी मेडल की हो रही है पर सभी जानते हैं कि दरअसल यह जीत जंतर मंतर की लड़ाई की भी है! आज जब देश एक औरत के साथ किये गए घिनौनी हिंसा के खिलाफ रोष में उठ खड़ा हुआ है, तब दिल्ली से हरियाणा तक का तक आपके इंतज़ार में बैठे लोग सब को यह विश्वास दिला रहे थे कि इस देश को बेटियों की फिक्र भी है।
और हर कदम पर आपके साथ खड़े आपके कुश्ती जगत के साथी - साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, सोमवीर राठी, संगीता फोगट और भी कई सारे साथी पहलवान- दोस्ती की और सॉलिडेरिटी की इससे अच्छी मिसाल क्या हो सकती है। नफरतों के बढ़ते माहौल में आप लोगों ने जो दोस्ती, प्यार और साथ देने का माहौल बनाया है इस जीत को नापने के लिए कोई मेडल दे ही नहीं सकता है, क्योंकि आप सबका यह साथ ही अनमोल तोहफा है पूरे देश को दिखाने के लिए कि सही मायने में एक दूसरे का साथ देना क्या होता है, आप सभी को सलाम!
देश भर में बिखरे हम कुछ लोग, जो आंदोलनों और संघर्षों के ज़रिए एक दूसरे के साथ जुड़े हैं, हम सब की ओर से विनेश आपको और आपकी पूरी टीम को तहे दिल से शुक्रिया और सलाम! आप के कारण हमें आज उम्मीद नज़र आ रही है, एक विश्वास महसूस हो रहा है और एक ताकत भी मिल रही है कि हार के बावजूद कभी जीत और बड़ी होती है।
आशा करते हैं विनेश कि इस तरह से मेडल से वंचित होने का आपका गम जल्दी छंट जाए और आप वापस कुश्ती के साथ रिश्ता जोड़ के और ऊंचाइयों तक जाएंगी अनेकानेक खिलाड़ियों व खासतौर पर महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी - यह भी हमारा यकीन है।
हमें आप पर और आपके संघर्ष पर पूरा विश्वास है और हम इस सफ़र में हर कदम आप के साथ हैं।
आपके और हमारे बीच दोस्ती, संघर्ष और साथ के इस बंधन को आज के दिन ज़रूर स्वीकार करें।
हम हैं ii
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फोटो साभार : हिंदुस्तान टाइम्स
महिला संगठन और उनके प्रतिनिधियों की ओर से विनेश को दोस्ती, संघर्ष और सॉलिडेरिटी को ज़ाहिर करता एक खुला पत्र लिखा गया है। उन्होंने विनेश के जंतर-मंतर से लेकर पेरिस ओलंपिक तक के संघर्षों को सलाम किया है और अपना प्यार भेजा है।
इस पत्र में संगठन के प्रतिनिधियों ने लिखा पिछले कुछ दिनों के आपके ज़बरदस्त संघर्ष और आखिर तक लड़ने के जज़्बे से देश-विदेश के सभी लोगों की तरह हम भी प्रेरित होते रहे हैं।
इसमें आगे उन्होंने लिखा कि संघर्षों और आंदोलनों में सहभागी होते हुए हमने भी एक सबक बार बार सीखा है। मुकाबले में, संघर्ष में, लड़ाई में, जीत अक्सर नहीं मिलती पर उसमें सामने जा कर उसे पूरे जी जान से लड़ना ही एक बहुत बड़ी जीत होती है। ख़ास कर के ऐसी लड़ाई जिसमें सारे पलड़े तुम्हारे खिलाफ झुकाए जा रहे हों, जहां ताकतवर अपना हर पैंतरा बेदर्दी से और देश, समाज, इंसानियत, सब को भी दांव पर लगा कर खेल रहा हो, तब यह मुकाबला और भी मुश्किल हो जाता है। आप से बेहतर यह शायद ही कोई जानता हो!
पढ़िए विनेश को लिखे पत्र में महिला संगठन के प्रतिनिधियों ने क्या-क्या लिखा:-
प्यारी विनेश,
सबसे पहले हम सब नारीवादी और जन आंदोलन से जुड़े साथियों की ओर से आपको सलाम, शुक्रिया और बहुत सारा प्यार! पिछले कुछ दिनों के आपके ज़बरदस्त संघर्ष और आखिर तक लड़ने के जज़्बे से देश विदेश के सभी लोगों की तरह हम भी प्रेरित होते रहे हैं।
संघर्षों और आंदोलनों में सहभागी होते हुए हमने भी एक सबक बार बार सीखा है। मुकाबले में, संघर्ष में, लड़ाई में, जीत अक्सर नहीं मिलती पर उसमें सामने जा कर उसे पूरे जी जान से लड़ना ही एक बहुत बड़ी जीत होती है। ख़ास कर के ऐसी लड़ाई जिसमें सारे पलड़े तुम्हारे खिलाफ झुकाए जा रहे हों, जहां ताकतवर अपना हर पैंतरा बेदर्दी से और देश, समाज, इंसानियत, सब को भी दांव पर लगा कर खेल रहा हो, तब यह मुकाबला और भी मुश्किल हो जाता है। आप से बेहतर यह शायद ही कोई जानता हो!
पर इस लड़ाई में जो जीत हुई है उसे दोहराना भी हम सभी के लिए ज़रुरी है। जंतर मंतर से लेकर पेरिस तक आपने जो ताकत दिखाई है वह हर उस व्यक्ति के लिए एक मिसाल है जो अपनी परिस्थितियों से जूझते हुए अपने सपने पूरे करने की ख्वाहिश रखता है। आप वह मिसाल हो जो सही मायने में हर उस बच्चे के लिए प्रेरणा बन कर आज सामने हो यह कहने के लिए कि मेडल और जीत कितने प्रकार के होते हैं।
सबसे पहले आपको नवाज़ा अपने देश के और दुनिया भर के खिलाड़ियों ने जो आपके समर्थन में आपके साथ खड़े रहे। उनका आपकी काबिलियत पर विश्वास से आप दुनिया की नज़रों में जीत चुकी हैं।
कल दिल्ली हवाई अड्डे से आपके गांव तक जो लोग आपका स्वागत कर रहे थे वे इस जीत का प्रतीक हैं। लोगों ने आपकी जीत को स्वीकारा है और इस से बड़ा कोई क्या ही हासिल कर सकता है। ये प्यार जिसकी आप पूरी तरह से हक़दार हैं क्योंकि हालांकि बात अभी मेडल की हो रही है पर सभी जानते हैं कि दरअसल यह जीत जंतर मंतर की लड़ाई की भी है! आज जब देश एक औरत के साथ किये गए घिनौनी हिंसा के खिलाफ रोष में उठ खड़ा हुआ है, तब दिल्ली से हरियाणा तक का तक आपके इंतज़ार में बैठे लोग सब को यह विश्वास दिला रहे थे कि इस देश को बेटियों की फिक्र भी है।
और हर कदम पर आपके साथ खड़े आपके कुश्ती जगत के साथी - साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया, सोमवीर राठी, संगीता फोगट और भी कई सारे साथी पहलवान- दोस्ती की और सॉलिडेरिटी की इससे अच्छी मिसाल क्या हो सकती है। नफरतों के बढ़ते माहौल में आप लोगों ने जो दोस्ती, प्यार और साथ देने का माहौल बनाया है इस जीत को नापने के लिए कोई मेडल दे ही नहीं सकता है, क्योंकि आप सबका यह साथ ही अनमोल तोहफा है पूरे देश को दिखाने के लिए कि सही मायने में एक दूसरे का साथ देना क्या होता है, आप सभी को सलाम!
देश भर में बिखरे हम कुछ लोग, जो आंदोलनों और संघर्षों के ज़रिए एक दूसरे के साथ जुड़े हैं, हम सब की ओर से विनेश आपको और आपकी पूरी टीम को तहे दिल से शुक्रिया और सलाम! आप के कारण हमें आज उम्मीद नज़र आ रही है, एक विश्वास महसूस हो रहा है और एक ताकत भी मिल रही है कि हार के बावजूद कभी जीत और बड़ी होती है।
आशा करते हैं विनेश कि इस तरह से मेडल से वंचित होने का आपका गम जल्दी छंट जाए और आप वापस कुश्ती के साथ रिश्ता जोड़ के और ऊंचाइयों तक जाएंगी अनेकानेक खिलाड़ियों व खासतौर पर महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी - यह भी हमारा यकीन है।
हमें आप पर और आपके संघर्ष पर पूरा विश्वास है और हम इस सफ़र में हर कदम आप के साथ हैं।
आपके और हमारे बीच दोस्ती, संघर्ष और साथ के इस बंधन को आज के दिन ज़रूर स्वीकार करें।
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