उत्तर प्रदेश: लखनऊ स्थित ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य पर जातिसूचक अभद्र भाषा का आरोप

Written by sabrang india | Published on: January 7, 2025
सहारनपुर की एक ट्रांसजेंडर ने लखनऊ स्थित ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य पर जातिसूचक अभद्र भाषा का आरोप लगाते हुए शिकायत की।



होरिजेंटल रिजर्वेशन और ट्रांस व्यक्तियों के मुद्दों व अधिकारों के लिए काम करने वाली सहारनपुर की यशिका का आरोप है कि लखनऊ स्थित ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य देविका देवेंद्र ने उन्हें और उनके साथियों को फोन पर गालियाँ दीं और जातिसूचक शब्द कहे।

यशिका ने अपने आरोप में कहा कि, "ये अपर कास्ट ट्रांसजेंडर हैं। ये हमें लगातार कॉल करके तंग करती हैं, और गंदी-गंदी गालियाँ देतीं हैं। मैंने इनकी शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में भी की है। नोटिस गया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, यशिका ने कहा कि शिकायत के बाद हमें डर लगता है कि हमारे साथ कोई अनहोनी हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि देविका कई दूसरे मोबाइल नंबरों से कॉल करवाती हैं। यशिका ने द मूकनायक को एक ऑडियो क्लिप भी साझा की है, जिसमें एक महिला द्वारा बेहद फूहड़ और अभद्र तरीके से गालियाँ दी जा रही हैं। हालांकि, द मूकनायक इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।

द मूकनायक द्वारा यशिका से सवाल किया गया कि आखिर देविका उन्हें क्यों कॉल करके गालियाँ देंगी, इसके पीछे क्या वजह है? यशिका ने जवाब में कहा, "हम लोग ट्रांसजेंडरों के लिए क्षैतिज आरक्षण की मांग कर रहे हैं। मांग करने वालों में दलित-पिछड़े लोग हैं, जिसका वह विरोध कर रही हैं। और हमें वह कॉल करके जातिसूचक गालियाँ दे रही हैं।"

यशिका ने ट्रांसजेंडरों के लिए क्षैतिज आरक्षण की मांग के मामले में ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की सदस्य देविका देवेंद्र पर पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया है। यशिका ने द मूकनायक से कहा, "वह कहती हैं कि ट्रांसजेंडरों में जातिगत भेदभाव नहीं होता है, लेकिन वह खुद जातिगत गालियाँ दे रही हैं।"

यशिका का कहना है कि उनकी एक अन्य दोस्त जेन कौशिक को भी वह कॉल करके परेशान करती हैं। उन्होंने कहा, "वह बीजेपी की तरफ से पद पर बैठी हैं और खुलेआम अपने सोशल मीडिया पर क्षैतिज आरक्षण का विरोध करती हैं।"

इस मामले में दूसरा पक्ष जानने के लिए द मूकनायक ने ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड लखनऊ की सदस्य देविका से संपर्क किया तो उन्होंने जवाब दिया कि, "जो ऑडियो आपको मिला है, उसके तहकीकात का काम पुलिस का है। उस पर मैं कुछ नहीं कहना चाहती हूं।"

रिपोर्ट के अनुसार, जातिगत टिप्पणी के आरोपों पर बोर्ड की सदस्य देविका ने कहा कि, "बचपन में जब मेरे परिजनों को पता चला कि मैं एक ट्रांसजेंडर हूं, तो उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया। तब उस समय मुझे एक बाल्मीकि समाज की महिला, कंठियाबाई ने महीनों तक अपने घर में जगह दी। वह रेलवे में काम करती थी। मैं पिछले 20 सालों से संवैधानिक मूल्यों पर काम कर रही हूं, मैं कैसे जातिगत टिप्पणी कर सकती हूं…!!"

वह आगे कहती हैं कि, "हमारी सिर्फ एक पहचान है - ट्रांसजेंडर। हमारी इसी पहचान के आधार पर हमसे बस में, मेट्रो में, ऑटो में, सार्वजनिक जगहों पर, दुकान पर हमारे साथ भेदभाव होता है। हर जगह हमारा मजाक बनाया जाता है। कोई हमारे पास बैठकर यात्रा तक नहीं करना चाहता। महिलाएं देखकर हंसी उड़ाती हैं। और मुझे पर आरोप लग रहे हैं कि मैं जातिवादी हूं…!!"

देविका ने द मूकनायक से कहा, "हां, मैं होरिजेंटल रिजर्वेशन के विरोध में हूं। मैं वर्टिकल रिजर्वेशन की मांग करती हूं। हम तो सिर्फ एक पहचान - ट्रांसजेंडर - से जाने जाते हैं। इसलिए मैं जाति आधारित आरक्षण का विरोध करती हूं। हमारी संख्या वैसे भी कम है। मैं चाहती हूं कि आरक्षण का लाभ हमारे सभी लोगों को समान रूप से मिले। ऑडियो में दोनों की बातचीत न मेरी है न ही वह याशिका की है। वह किसी ने डब किया है।"

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