यूपी में योगी सरकार के 100 दिन, कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर बुरी तरह फेल

Written by सबरंगइंडिया | Published on: June 27, 2017
यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के सौ दिन पूरे होने  पर कॉरपोरेट मीडिया ने जो समीक्षा की उनमें उनकी वाहवाही की गई। उनकी सरकार के कई फैसलों को बेहतरीन बताया गया और कुछ अधूरे एजेंडों की याद दिलाई गई। लेकिन यूपी की दुखती रग कानून-व्यवस्था की लगातार बिगड़ती हालत की ओर उनका ध्यान नहीं दिलाया गया। यूपी में पिछले 100 दिनों में कानून-व्यवस्था बड़ी चुनौती बन कर उभरी है। दूर-दराज ही नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ में कानून-व्यवस्था की हालत बुरी है।
 
योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने से दो दिन पहले लखनऊ में चलते टैंपो में छात्रा से रेप करने की कोशिश की गई। विरोध करने पर धक्का दे दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इलाहाबाद में एक ही परिवार के चार लोगों का कत्ल, मथुरा में सर्राफा व्यापारी की दुकान में घुस कर लूट और दो लोगों की हत्या, फिरोजाबाद में कांच कारोबारी का अपहरण और सीतापुर में दाल व्यापारी समेत तीन की हत्या सरकार के कानून-व्यवस्था के इरादों पर सवाल उठाती है। ये हालिया घटनाएं हैं।
इससे पहले सहारनपुर में जातीय हिंसा की आग लोग देख ही चुके हैं। वहां एसपी के ऑफिस में घुस कर तोड़फोड़ और हंगामा में राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की इंतिहा थी। दबंग जातियों की ओर से दलितों के घरों में आग लगाए जाने के दौरान यूपी पुलिस चुपचाप खड़ी होकर तमाशा देखती रही।
 
पश्चिम यूपी में अपराध नियंत्रण हर सरकार के लिए चुनौती रही है। योगी सरकार के आने के बाद यह उम्मीद लगाई जा रही थी अपराध के लिहाज से राज्य के सबसे दुर्दांत इलाकों में बदमाशों पर नकेल कसी जाएगी। लेकिन जेवर में हाईवे पर महिलाओं से सामूहिक बलात्कार की घटना ने योगी सरकार पर लोगों का विश्वास हिला कर रख दिया।

यही नहीं इन दिनों पुलिस पर भी हमले बढ़े हैं। कई मामलों में पुलिस भीड़ के हाथ पिटी है। प्रतापगढ़ में एक बदमाश द्वारा सिपाही की गोली मार कर हत्या, आगरा में डिप्टी एसपी की पिटाई, फिरोजाबाद में खनन माफिया द्वारा पुलिसकर्मी की हत्या के अलावा अलीगढ़, मथुरा में पुलिस पर हमले सरकार की साख पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यूपी में प्रति व्यक्ति पुलिस बल की तैनाती देश में सबसे कम है लेकिन राज्य में 32 हजार पुलिसकर्मियों   की भर्ती के मामले में अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। सरकार ने 30 हजार कांस्टेबल और दो हजार सब-इंस्पेक्टर की भर्तियों का तो ऐलान कर दिया है लेकिन अभी तक भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में सत्ता में आने से पहले योगी आदित्यनाथ का यह दावा कि 100 दिन में सूबे की कानून-व्यवस्था सुधार देंगे, हवा हो गया है।
 

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